Bihar NDA Government Formation बिहार में NDA की बैठकों का दौर तेज, नीतीश कुमार के फिर मुख्यमंत्री बनने की चर्चा गर्म। जानें सरकार गठन की तैयारी और NDA के भीतर चल रही सियासी हलचल की पूरी रिपोर्ट।
Bihar NDA Government Formation : बिहार की नई सरकार का काउंटडाउन, बुधवार को हो सकता है नीतीश का शपथ ग्रहण

#Bihar में फिर से राजनीतिक समीकरण बदलने के संकेत मिल रहे हैं। एनडीए के नेताओं के बीच चल रही महत्वपूर्ण बैठकों के बाद बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को दसवीं बार शपथ ग्रहण कर सकते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में बिहार में राजनीतिक हालात, एनडीए की जीत, शपथ ग्रहण की तैयारियां और भविष्य के सियासी समीकरणों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
बिहार का राजनीतिक परिदृश्य
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए ने भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की है। 243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए ने 202 सीटें जीती हैं, जिसमें भाजपा ने 92 सीटें और जदयू ने 85 सीटें प्राप्त की हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 19 सीटें मिली हैं और छोटे सहयोगी दलों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। इस जीत ने बिहार में राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह से नया आकार दिया है। एनडीए की यह प्रचंड जीत खासतौर पर भाजपा और जदयू के मजबूत गठबंधन और उनके नेतृत्व के कारण संभव हुई है।
एनडीए में बैठकों का दौर
एनडीए के सभी 202 विधायक रविवार से पटना में बैठक के लिए आ रहे हैं, जिसमें उनकी प्राथमिकता होगी विधायक दल का नेता चुनना। इसके लिए भाजपा, जदयू, हम, और रालोमो जैसे घटक दलों की बैठकें भी हो चुकी हैं। इन बैठकों में नीतीश कुमार को वापस विधायक दल का नेता चुना जाएगा, जो मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के लिए पहला कदम होगा। कहा जा रहा है कि यह प्रक्रिया सोमवार अथवा मंगलवार तक पूरी हो सकती है।
नीतीश कुमार का शपथ ग्रहण
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को राजभवन जाकर अपना इस्तीफा सौंपेंगे। इसके बाद एनडीए विधायक दल की बैठक में वह नेता के रूप में चुने जाएंगे और बुधवार को शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हो सकता है। यह उनका दसवां कार्यकाल होगा। इस बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की तारीख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के अनुसार तय की जाएगी, जिनके इस समारोह में शामिल होने की संभावना है। शपथ ग्रहण का समारोह राजभवन या गांधी मैदान में हो सकता है, जहां बड़ी संख्या में लोग भाग ले सकें।
बिहार चुनाव में एनडीए की रणनीति और जीत के कारण
एनडीए की इस बंपर जीत के पीछे महीनों की रणनीति और गठबंधन के बेहतर समन्वय का बड़ा योगदान है। हर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित की गई बैठकों में स्थानीय कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया गया। जातिगत संतुलन को ध्यान में रखते हुए सीटों का आवंटन किया गया। भाजपा, जदयू और छोटे सहयोगी दलों के बीच बेहतर तालमेल ने चुनाव में सफलता दिलाई। खासतौर पर चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी की भूमिका ने भी एनडीए के वोट बैंक को मजबूत किया। महिलाओं के साथ-साथ विभिन्न जातिगत समूहों का भी एनडीए के पक्ष में मतदान इस जीत को संभव बनाने में सहायक रहा।
आगे के संभावित राजनीतिक समीकरण
नीतीश कुमार के 10वीं बार मुख्यमंत्री बनने के बाद बिहार में राजनीतिक स्थिरता की उम्मीद है। एनडीए गठबंधन के मजबूत होने के कारण विपक्षी दलों के लिए चुनौती अधिक हो सकती है। इस बार नया समीकरण यह भी है कि एमवाई (मुस्लिम-यादव) गठबंधन की ताकत कमजोर पड़ गई है, और मुस्लिम वोटों का एक हिस्सा AIMIM की ओर गया है। इससे बिहार की राजनीतिक प्रणाली में बदलाव के संकेत मिलते हैं। आने वाले दिनों में एनडीए की नीतियों और राजनीतिक आंदोलनों पर आम जनता की नजर रहेगी, जो आगामी विधानसभा कार्यकाल में बिहार की दिशा तय करेंगे।
निष्कर्ष
- बिहार में एनडीए की शानदार जीत ने राजनीतिक
- परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है।
- नीतीश कुमार का दसवीं बार मुख्यमंत्री पद
- सम्भालना बिहार के लिए एक नया रिकॉर्ड होगा,
- जो राजनैतिक स्थिरता का परिचायक होगा।
- भाजपा-जदयू गठबंधन की मजबूती और बेहतर रणनीति
- ने इस सफलता को संभव बनाया है।
- बुधवार को शपथ ग्रहण के बाद बिहार में नई सरकार की दिशा स्पष्ट हो जाएगी,
- जो अगले पांच वर्षों तक राज्य के विकास और प्रशासन की जिम्मेदारी संभालेगी।
- यह राजनीतिक बदलाव न केवल बिहार के लिए महत्वपूर्ण हैं,
- बल्कि देश की राष्ट्रीय राजनीति में भी इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा।
- आने वाले वक्त में बिहार की राजनीति में नए गठबंधनों,
- नीतिगत निर्णयों और लोकसंतोष को लेकर कई
- दिलचस्प घटनाएं देखने को मिलेंगी।












