सीमांचल चुनाव सीटें : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण में सीमांचल क्षेत्र की 24 सीटें सबसे अधिक राजनीतिक महत्व रखती हैं। यह क्षेत्र बिहार के उत्तरी हिस्से में स्थित है और यहां के विधानसभा चुनाव का नतीजा राज्य की राजनीति पर गहरा प्रभाव डालता है। इस क्षेत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट के कई दिग्गज नेताओं की किस्मत दांव पर लगी है, जिससे चुनावी मुकाबला कड़ा और रोमांचक हो गया है। इस ब्लॉग पोस्ट में सीमांचल क्षेत्र की 24 सीटों की राजनीतिक स्थिति, प्रमुख दावेदार और चुनावी परिदृश्य की विस्तृत जानकारी दी गई है।
सीमांचल क्षेत्र की राजनीतिक अहमियत
#सीमांचल बिहार के उन जिलों का हिस्सा है जो सीमांत होते हुए नेपाल से सटे हैं। उधर की सीमावर्ती स्थिति की वजह से यहां की राजनीति में सुरक्षा और विकास मुद्दे विशेष भूमिका निभाते हैं। इस क्षेत्र में 24 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से कई बड़े और अनुभवी नेताओं के कब्जे में हैं। सीमांचल की चुनावी जीत-हार न केवल इस क्षेत्र के लिए, बल्कि पूरे बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों के लिए भी निर्णायक है।

कैबिनेट के दिग्गजों पर खास नजर
- नीतीश कुमार की सरकार की कई अहम कैबिनेट मंत्री सीमांचल क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।
- इनमें स्वास्थ्य मंत्री, शिक्षा मंत्री, सभामंत्री जैसे दिग्गज शामिल हैं। इन नेताओं की जीत या हार पूरे
- राजनीतिक समीकरण को बदल सकती है। विशेष रूप से, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी मंत्री
- इस क्षेत्र की सीटों पर कड़ी टक्कर दे रहे हैं, जहां विपक्षी दल महागठबंधन भी अपनी पूरी ताकत झोंक रहा है।
चुनावी दावेदार और मुकाबला
सीमांचल की 24 सीटों पर मुकाबला बेहद कांटे का है। एनडीए के उम्मीदवार और विपक्ष के प्रत्याशी दोनों ही जनता के बीच अपनी-अपनी पकड़ मजबूत करने को प्रयासरत हैं। राजद, कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दल भी इस क्षेत्र में सक्रिय हैं और नीतीश सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं, खासकर विकास और सीमा सुरक्षा को लेकर।
सुरक्षा व्यवस्था और मतदान
सीमांचल क्षेत्र नक्सल प्रभावित भी रह चुका है, इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से इस बार भी यहां कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। मतदान के दौरान केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं ताकि शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न हो सके। नेपाल सीमा के कारण संवेदनशील इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
जनता की उम्मीदें और चुनावी मुद्दे
- सीमांचल क्षेत्र के मतदाता विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और सुरक्षा को प्रमुख मुद्दा मानते हैं।
- कई वर्षों से सीमांत इलाके के लोग बेहतर सुविधाओं की मांग कर रहे हैं।
- इसीलिए, चुनावी टककर में उम्मीदवारों को इन मुद्दों पर जनता को आश्वस्त करना पड़ रहा है।
- युवा मतदाता और महिलाओं की संख्या भी इस बार ज्यादा सक्रिय देखी जा रही है।
- सीमांचल की 24 सीटें बिहार के राजनीतिक नक्शे पर अहम स्थान रखती हैं, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
- की कैबिनेट के कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर है। यह क्षेत्र का चुनावी मुकाबला बिहार के समग्र
- चुनाव परिणामों को प्रभावित करेगा। अतः, सीमांचल में होने वाली वोटिंग पर नजर रखना
- राजनीतिक विश्लेषकों और जनता दोनों के लिए जरूरी हो गया है।












