राहुल गांधी वोट चोरी विवाद : राहुल गांधी द्वारा लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोप की पड़ताल में बड़ा खुलासा हुआ। जिन नामों का उन्होंने जिक्र किया था, उन्हीं लोगों ने सच्चाई उजागर कर दी।
हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनाव और बिहार चुनाव के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने वोट चोरी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में गड़बड़ी कर करोड़ों फर्जी वोट डाले गए हैं। उनका दावा था कि हरियाणा में करीब 25 लाख वोट गायब हैं, जिनमें एक विदेशी मॉडल की तस्वीर अलग-अलग नामों के साथ रिकॉर्ड हुई।
राहुल गांधी का बड़ा आरोप

#राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक विदेशी महिला मॉडल की तस्वीर दिखाई, जो वोटर लिस्ट में 22 बार अलग-अलग नामों से दर्ज थी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने इन फर्जी वोटों को रोकने में नाकामी बरती है और भाजपा इस तरह की गड़बड़ी में शामिल है। इसके अलावा, राहुल ने हजारों ऐसे मतदाता भी गिनाए जिनके घर नंबर “0” थे, जिन्हें असली मतदाता साबित करना कठिन है।
जांच और मीडिया रिपोर्टिंग से सच्चाई सामने आई
- जांच पत्रकारों और चुनाव आयोग ने इस मामले की गहराई से पड़ताल की। मीडिया ने जिन नामों
- और तस्वीरों को राहुल गांधी ने गड़बड़ी बताया था, उनमें से अधिकांश असली नागरिक निकले जो
- खुद भी मतदान में शामिल थे। उनकी पहचान आधार कार्ड जैसी वैध दस्तावेज़ों से हुई
- और उन्होंने बताया कि वोट डालने में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई।
- कुछ मामलों में फोटो प्रिंटिंग की गलती पाई गई, लेकिन इसका मतलब यह नहीं था
- कि वोट चोरी हुई। यह एक तकनीकी समस्या थी, जिसका चुनाव आयोग ने समाधान भी किया।
चुनाव आयोग का रुख
- चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को असत्य और बिना आधार वाला बताया। आयोग ने पूछा
- कि अगर कांग्रेस के पास इस तरह की गड़बड़ी का सबूत होता तो वे आधिकारिक शिकायत क्यों
- नहीं दर्ज करते। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि सभी पार्टियां मतदाता सूची की जांच कर सकती हैं
- और इसमें किसी भी तरह की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्हीं नामों से खुली पोल
जब जांच टीम ने राहुल गांधी के आरोपित नामों के लोगों से बातचीत की, तो उन्होंने साफ किया कि वे वैध मतदाता हैं और उन्होंने अपने वोटडिंग के अधिकार का सही इस्तेमाल किया। इस अपुष्ट आरोप से कांग्रेस की विश्वसनीयता भी सवालों के घेरे में आ गई।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
- इस विवाद ने राजनीतिक लड़ाई को तेज कर दिया। भाजपा नेताओं ने इसे विपक्ष की साजिश करार दिया
- और कांग्रेस से माफी मांगने को कहा। सोशल मीडिया पर भी इस मामले पर तीखी बहस हुई
- जहां ज्यादातर लोग जांच रिपोर्ट और चुनाव आयोग के रुख को मानते हुए राहुल गांधी के दावों को खारिज कर रहे हैं।











