ऑपरेशन सिंदूर चीन पाकिस्तान : ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन-पाकिस्तान के बीच मिलीभगत के नए सबूत सामने आए हैं। जानिए कैसे चीन ने पाकिस्तान को सैन्य और खुफिया मदद दी और भारत की सुरक्षा को कैसे प्रभावित किया।
ऑपरेशन सिंदूर का परिचय
2025 में ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा किया गया एक सटीक सैन्य अभियान था, जिसका मकसद पाकिस्तान में आतंकवादी मकसदों से सक्रिय ठिकानों पर हमला करना था। अप्रैल में पहलगाम में हुए देशद्रोही आतंकवादी हमले के बाद भारत ने मई में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। यह ऑपरेशन आतंकवाद और सीमा सुरक्षा में भारत की मजबूत प्रतिक्रिया का परिचायक था।

चीन और पाकिस्तान की मिलीभगत के सबूत
हाल ही में सामने आए军 समाचार के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान को अपरंपारी सैन्य और खुफिया मदद प्रदान की थी। उपसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह के खुलासे के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान को रियल टाइम सैटेलाइट इंटेलिजेंस, उन्नत हथियार, ड्रोन, और साइबर युद्ध तकनीक की सहायता दी।
- चीन ने पाकिस्तान को एक तरह की “लाइव वेपन लैब” बनाया, जहां वह अपने हथियारों का परीक्षण कर रहा था।
- इसके अलावा चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर संयुक्त सैन्य अभ्यास करके उनके बीच तालमेल बढ़ाया
- जिससे ऑपरेशन सिंदूर में उनका सशक्त समर्थन मिला। चीन ने पाकिस्तानी सैनिकों और उपकरणों की
- बौद्धिक एवं भौतिक सामग्री भी उपलब्ध कराई, जिससे पांव पसारने का प्रयास किया गया।
चीन-पाकिस्तान सैन्य गठजोड़ का रणनीतिक आयाम
चीन और पाकिस्तान की यह मिलीजुली ताकत सिर्फ सीमा संघर्ष तक ही सीमित नहीं है। चीन ने पाकिस्तान को ग्लोबल आर्म्स मार्केट में मजबूत बनाकर भारत के सामने एक चुनौती खड़ी की है। पाकिस्तान ने चीन से 20 अरब डॉलर से अधिक के हथियार खरीदे हैं, जिनमें फ्रिगेट्स, पनडुब्बियां, ड्रोन और वायु रक्षा विमान शामिल हैं। इसका मकसद भारत की सैन्य ताकत को चुनौती देना है।
- चीन ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान का समर्थन किया, भारतीय दावों
- को कमजोर करने के लिए रणनीतिक कदम उठाए। इस सहयोग ने दोनों देशों को ‘दो मोर्चों वाली लड़ाई’
- में एकजुट कर दिया है, जिसमें चीन पाकिस्तान को खुले तौर पर सैन्य सहायता देता है।
ऑपरेशन सिंदूर की प्रतिक्रिया और परिणाम
ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तानी आतंकवादी ठिकानों पर सटीक और लक्षित मिसाइल हमले किए, जिससे कई प्रमुख ठिकानों को क्षतिग्रस्त किया गया और आतंकवादी भारी नुकसान में आए।
- हालांकि, पाकिस्तान ने ऑपरेशन के जवाब में भारत के कई सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए।
- भारत की सशक्त एयर डिफेंस सिस्टम ने अधिकांश हमलों को नाकाम किया।
इस बीच, उपसेना प्रमुख ने चीन-पाकिस्तान गठजोड़ की नापाक सच्चाई को उजागर किया, जिससे भारत की सैन्य रणनीति में सुधार की आवश्यकता स्पष्ट हो गई। उन्होंने कहा कि भारत को अगली लड़ाई के लिए अधिक मजबूत ड्रोन डिटेक्शन और एयर डिफेंस सिस्टम विकसित करने होंगे।
भारत की सुरक्षा और भविष्य की तैयारियां!
- ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य खुफिया प्रणाली को मजबूत करने का एक मौका प्रदान किया।
- देश ने आधुनिक तकनीकों और घरेलू रक्षा उपकरणों पर अधिक जोर दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
- ने भी इस ऑपरेशन में “मेड इन इंडिया” सैन्य उपकरणों के योगदान की सराहना की।
- साथ ही, भारत ने क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर चीन-पाकिस्तान गठजोड़ के सामने कड़े कूटनीतिक
- और सैन्य कदम उठाने की रणनीति बनाई है। इसके तहत अपनी सुरक्षा परीक्षाओं को बढ़ाना
- सीमाओं पर निगरानी बढ़ाना और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाना प्रमुख हैं।
- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन-पाकिस्तान की मिलीभगत का खुलासा भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
- यह एक चेतावनी है कि क्षेत्रीय सुरक्षा केवल दो देशों की लड़ाई नहीं रह गई है, बल्कि इसमें तिहरी ताकतें शामिल हो गई हैं।












