महादेव ऐप का मास्टरमाइंड : महादेव ऑनलाइन बुक ऐप घोटाले का मास्टरमाइंड रवि उप्पल अब भी UAE में फरार है। भारत सरकार के प्रयासों के बावजूद प्रत्यर्पण में रुकावटें जारी हैं। जानिए इस बड़े जुए घोटाले की पूरी कहानी और जांच की वर्तमान स्थिति।
भारत की जांच एजेंसियों के लिए महादेव ऐप घोटाला इस समय सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। इस ऐप के दो मुख्य आरोपी – रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर – लंबे समय से विदेशी धरती पर हैं। जहां सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी को लेकर कुछ प्रगति देखने को मिली है, वहीं रवि उप्पल अब भी संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में फरार बताया जा रहा है।
रवि उप्पल कौन है?

रवि उप्पल महादेव ऐप नेटवर्क के टेक्निकल और स्ट्रक्चर डिजाइन के प्रमुख दिमाग माने जाते हैं। बताया जाता है कि वह ऐप के डिजिटल नेटवर्क और भुगतान चैनलों को नियंत्रित करता था। उसके जरिए सैकड़ों फर्जी आईडी और पेमेंट गेटवे बनाकर पैसे का ट्रांसफर किया जाता था।
ED ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि रवि उप्पल ने दुबई, श्रीलंका और नेपाल में कई फ्रंट कंपनियां बनाई थीं, जिनके जरिए सट्टे के पैसे को विदेश भेजा जाता था। यही कारण है कि भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण को लेकर UAE से लगातार बातचीत कर रही है।
UAE से प्रत्यर्पण में आई रुकावटें!
हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार, भारत ने UAE सरकार से औपचारिक कानूनी प्रक्रिया के तहत रवि उप्पल के प्रत्यर्पण की मांग की थी। लेकिन कानूनी तकनीकी कारणों और स्थानीय न्यायिक प्रक्रिया के चलते मामला अब तक लटका हुआ है।
- कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि UAE में प्रत्यर्पण तभी संभव है जब भारत ठोस आरोपों और
- न्यायिक साक्ष्यों को स्पष्ट रूप से पेश करे। चूंकि मामला मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आर्थिक अपराध से जुड़ा है
- इसलिए इसमें अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन भी आवश्यक है।
भारत सरकार ने इंटरपोल के माध्यम से रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया है, लेकिन UAE प्रशासन की ओर से अब तक रवि उप्पल की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की गई है।
ED और CBI की कार्रवाई
- प्रवर्तन निदेशालय (ED) अब तक इस घोटाले में 500 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर चुकी है।
- इसके अलावा, कई बॉलीवुड सेलेब्रिटीज से भी पूछताछ की गई थी
- जिन्होंने दुबई में आयोजित महादेव ऐप से जुड़ी पार्टियों में हिस्सा लिया था।
- CBI ने भी रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर के नेटवर्क की वित्तीय गतिविधियों की
- जांच शुरू की है। माना जा रहा है कि इनके पास बिचौलियों और फर्जी अकाउंट्स के जरिए
- भारत में सक्रिय एजेंटों की एक बड़ी टीम थी।
भारत के लिए क्यों बड़ी चुनौती है यह मामला?
- यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर साइबर क्राइम, आर्थिक धोखाधड़ी और इंटरनेशनल लॉ की जटिलताओं
- से जुड़ा हुआ है। भारत के लिए यह एक केस स्टडी बन गया है कि कैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए
- विदेशी नेटवर्क भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
- रवि उप्पल जैसे आरोपी के हाथ में न केवल बड़ी आर्थिक जानकारी थी, बल्कि वह कई सरकारी जांचों से
- बचने के लिए तकनीकी सुरक्षा तंत्र भी तैयार कर चुका था। यही वजह है
- कि उसका प्रत्यर्पण भारत के लिए एक बड़ा टेस्ट बन गया है।
आगे क्या होगा?
- सूत्रों के अनुसार, भारत और UAE के बीच अब नया प्रत्यर्पण समझौता मसौदे पर चर्चा चल रही है।
- यदि यह अनुमोदित हो गया, तो रवि उप्पल की वापसी संभव हो सकती है।
सरकार ने ED, CBI और विदेश मंत्रालय को मिलाकर एक विशेष टीम गठित की है जो इस मामले की मॉनिटरिंग कर रही है। आने वाले महीनों में इस पर निर्णायक कार्रवाई होने की संभावना जताई जा रही है।
- महादेव ऐप घोटाला केवल एक सट्टेबाजी एप्लिकेशन का मामला नहीं है, बल्कि यह भारत में डिजिटल
- अपराध के खतरों को उजागर करने वाला उदाहरण बन गया है।
- रवि उप्पल की गिरफ्तारी या प्रत्यर्पण भारत की जांच एजेंसियों के लिए न केवल एक बड़ी उपलब्धि होगी
- बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की कानूनी क्षमता को भी प्रदर्शित करेगी।









