कनाडा वीजा रिजेक्शन 2025 : 2025 में भारतीय छात्रों के लिए कनाडा वीजा होता जा रहा है और कठिन, 75% से ज्यादा वीजा आवेदन रिजेक्ट हो रहे हैं। जानिए इसके पीछे की असल वजहें और कैसे हैं असर।
भारतीय छात्रों पर कनाडा का वीजा झटका
2025 में भारतीय छात्रों को अब कनाडा से बड़ा झटका लगा है। सूत्रों के मुताबिक इस साल अगस्त महीने में लगभग 75% भारतीय छात्रों के स्टडी वीजा आवेदन रिजेक्ट हो चुके हैं। ये दर साल 2023 के मुकाबले लगभग दोगुनी है, जब रिजेक्शन रेट 32% था।
भारत के बाद अमेरिका जैसे बड़े देश भी वीजा देने में सख्ती कर चुके हैं, अब कनाडा ने भी अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी कड़क कर दी है। इससे विदेश में पढ़ाई का सपना देखने वाले लाखों भारतीय छात्रों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है।

क्यों बढ़ रहा है रिजेक्शन रेट?
कनाडा सरकार ने 2025 में वीजा धोखाधड़ी को रोकने के लिए नियम कड़े कर दिए हैं। प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
- फर्जी एक्सेप्टेंस लेटर और दस्तावेज: कई भारतीय एजेंटों द्वारा फर्जी कॉलेज एक्सेप्टेंस और वित्तीय दस्तावेज पेश किए जा रहे थे। कनाडा की इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने ऐसी धोखाधड़ी पकड़ने के लिए व्यापक जांच शुरू की है।
- आर्थिक प्रमाणों की सख्ती: अब स्टूडेंट्स को फंड्स के स्रोत स्पष्ट रूप से दिखाने होते हैं, सिर्फ बैंक स्टेटमेंट काफी नहीं है।
- पढ़ाई से जुड़ी योजना पर कड़ी निगरानी: छात्र के पिछले अकादमिक रिकॉर्ड और पढ़ाई के बाद रोजगार योजना को जोड़कर जवाब देना जरूरी हो गया है।
- भाषा कौशल: अंग्रेजी या फ्रेंच भाषा योग्यता के प्रमाणों पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।
- कनाडा की घरेलू सीमाएं: आवास, स्वास्थ्य सेवा और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण कनाडा ने विदेशी छात्रों की संख्या सीमित करनी शुरू कर दी है।
भारतीय छात्रों पर इसके प्रभाव
- भारतीय छात्रों के आवेदन कम हो गए हैं। अगस्त 2025 में केवल लगभग 4515 भारतीय
- छात्रों ने आवेदन किया, जबकि 2023 में यह संख्या 20,900 थी।
- रिजेक्शन अधिक होने के कारण कई छात्र अपने विदेश में पढ़ाई के सपने छोड़ रहे हैं या अन्य देशों जैसे जर्मनी, नीदरलैंड्स, आयरलैंड को विकल्प मान रहे हैं।
- जिन छात्रों का वीजा रिजेक्ट होता है, उन्हें न केवल पढ़ाई का मौका नहीं मिलता
- बल्कि भविष्य में वर्क परमिट और इमिग्रेशन के रास्ते भी बंद हो जाते हैं।
अमेरिका के बाद कनाडा की सख्ती क्यों?
- संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी 2025 में भारतीय छात्रों पर वीजा सख्ती बढ़ाई है
- जिससे भारतीय छात्रों की संख्या अमेरिका जाने वाली कम हुई है।
- इसी बीच कनाडा ने भी इसी तरह की सख्ती अपनाई है।
दोनों देशों की इन नीतियों के पीछे मुख्य वजहें हैं:
- बढ़ती फर्जीवाड़े की घटनाएं
- घरेलू आर्थिक दबाव जैसे आवास और रोजगार के अवसर सीमित होना
- इमिग्रेशन नियमों में व्यापक बदलाव
कनाडा में छात्र वीजा नीति में बदलाव
- कनाडा ने 2025 में कुल स्टडी परमिट की संख्या को लगभग 4,37,000 पर सीमित कर दिया है।
- जिसमें मास्टर्स, बैचलर्स, स्कूल और रिन्यूअल शामिल हैं।
- वीजा ऑफिसर आवेदकों से अधिक कड़ी जांच करते हैं
- और आवेदन की मंजूरी पहले से ज्यादा झंझट भरी हो गई है।
भारतीय छात्रों के लिए क्या विकल्प हैं?
- अब कई छात्र यूरोप के देशों जैसे जर्मनी, नीदरलैंड्स, आयरलैंड और ब्रिटेन जैसे
- देशों पर नजर लगाये हुए हैं, जहां वीजा प्रक्रिया अपेक्षाकृत सरल है।
- भारत में भी बेहतर शिक्षा और व्यावसायिक अवसरों की समझ बढ़ रही है
- जिससे घरेलू विकल्पों की ओर रुझान बढ़ रहा है।
- कनाडा में भारतीय छात्रों के लिए 2025 का साल बहुत चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है।
- बढ़ता वीजा रिजेक्शन दर और कड़े नियम छात्रों के सपनों को प्रभावित कर रहे हैं।
- फिर भी, इस स्थिति में सही जानकारी, बेहतर तैयारी और वैध दस्तावेज के साथ प्रयास जारी रखना जरूरी है।
- छात्र और अभिभावकों को सरकार की नवीनतम नीतियों से अवगत रहना चाहिए और वैकल्पिक देशों की खोज करनी चाहिए।









