वास्तु दोष और उपाय : वास्तु शास्त्र हमारी जीवन शैली और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने का प्राचीन विज्ञान है। घर के डिज़ाइन, प्रांगण और अंदरूनी स्थानों का सही संतुलन हमारे स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशहाली के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। खासकर घर का कोई भी कोना गलत आकार का न हो, यह वास्तु दोषों के निवारण में पहला और सबसे महत्वपूर्ण नियम है।
वास्तु शास्त्र में कोनों का महत्व
घर के कोनों को वास्तु में विशेष महत्त्व दिया गया है क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा का केंद्र भी बन सकते हैं। विभिन्न दिशाओं के कोनों का आकार और स्थान घर के सदस्यों के जीवन पर प्रत्यक्ष असर डालता है। गलत आकृतियों वाले कोने जैसे तिरछे, टूटे हुए या अनियमित आकार वाले कोने वास्तु दोष कि श्रेणी में आते हैं। ऐसे दोषों के कारण घर में अशांति, आर्थिक समस्या, स्वास्थ्य विकार, और पारिवारिक कलह होती है।

प्रमुख वास्तु दोष और उनके लक्षण
- टूटा या अनियमित कोना
यदि घर के किसी कोने का आकर टूटा हुआ, कटा हुआ या असमान्य है, तो यह वास्तु दोष कहलाता है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है, जिससे परिवार के सदस्य मानसिक तनाव और शारीरिक रोगों से ग्रसित हो सकते हैं। - तिरछे या संरचना में विकृति
घर में कोई ऐसा कोना या कोठरी जो तिरछा बना हो, या दीवारों का कोण असामान्य हो, तो यह वास्तु दोष उत्पन्न करता है। इससे आर्थिक हानि और परिवार में विवादों का माहौल बनता है। - कोनों में जगह का अभाव
अगर घर के किसी कोने में जगह पर्याप्त नहीं है, या कोई कोना गायब है, तो यह भी वास्तु दोष है। यह करियर या व्यवसाय में अड़चन पैदा कर सकता है। 
वास्तु दोष दूर करने के उपाय
- कोनों की मरम्मत करें और उन्हें पूरा बनाएं
 - टूटे हुए कोनों को सही तरीके से भराएं या मरम्मत कराएं ताकि मुँहाड (कोना) पूरा हो जाए।
 - यदि प्राकृतिक रूप से पूरा करना संभव नहीं तो वास्तु यंत्रों या त्रिकोणाकार चित्रों की मदद लें।
 - सकारात्मक ऊर्जा लाने वाले यंत्र लगाएं
 - दोष वाले कोनों में सूर्य यंत्र, धन लक्ष्मी यंत्र या क्रिस्टल बॉल रखें।
 - इससे नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
 - कमरे के कोने में पौधे लगाएं
हरी-भरी पौधों से न केवल घर सुंदर दिखता है बल्कि ये नकारात्मक ऊर्जा को शुद्ध करते हैं और जीवन में प्रसन्नता लाते हैं। तुलसी विशेष रूप से ईशान कोण में रखने का सुझाव वास्तु में दिया गया है। - कोनों को प्रकाशमय रखें
खुले कोनों में हमेशा पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी और हवा का आना जरूरी है। - ऐसा न हो तो प्रकाश व्यवस्था में सुधार करें ताकि ऊर्जा संचारित हो सके।
 - वास्तु ग्लास या दर्पण लगाएं
कुछ वास्तु दोषों को ठीक करने के लिए विशेष रूप से क्रिस्टल ग्लास या दर्पण का प्रयोग किया जाता है। यह दोष को टालने और सकारात्मक प्रभाव लाने में सहायक होते हैं। - धूप और कपूर जलाएं
साप्ताहिक या मासिक रूप से घर में धूप और कपूर जलाने से वातावरण शुद्ध होता है और नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। 
किन कोनों का विशेष ध्यान दें?
- उत्तर-पूर्व (ईशान) कोना: इसे सबसे शुभ माना गया है।
 - इसे खाली और स्वच्छ रखें, जल स्रोत या तुलसी का पौधा लगाएं।
 - दक्षिण-पश्चिम कोना: यह कोना घर के मुखिया का होता है।
 - इसे मजबूत और भारी वस्तुओं से सुरक्षित रखें। टूटे-फूटे कोनों से बचें।
 - पूर्व और पश्चिम दिशा: घर की इन दिशाओं में संतुलन बनाएं और कोई भारी या गलत संरचना न रखें।
 
वास्तु दोष के अन्य सामान्य कारण
- घर में मुख्य द्वार का गलत जगह पर होना या छोटा और असंतुलित आकार।
 - रसोई का आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) कोने के बाहर होना।
 - बाथरूम या शौचालय का उत्तर-पूर्व कोने में होना।
 - सीढ़ियों का नकारात्मक ढंग से बनना।
 
- इन सभी दोषों के उपयुक्त उपायों से घर की ऊर्जा को सकारात्मक बनाया जा सकता है।
 - घर का कोई भी कोना गलत आकार का होने पर उसे वास्तु दोष माना जाता है
 - जो जीवन के विभिन्न पहलुओं में बाधाएं उत्पन्न करता है। वास्तु शास्त्र द्वारा सुझाए गए
 - सरल और प्रभावी उपायों से इन दोषों को दूर किया जा सकता है। घर को सुगठित, संतुलित
 - और ऊर्जा से भरपूर बनाने के लिए इन उपायों को अपनाना आज ही शुरू करें।
 









