अफगानिस्तान भूकंप : अफगानिस्तान में तड़के सोमवार सुबह आए भीषण भूकंप से भारी तबाही मची है। अब तक कई लोगों की मौत और सैकड़ों घायल होने की खबर है। जानिए पूरा अपडेट, प्रभावित इलाके और राहत कार्य की ताज़ा स्थिति।
अफगानिस्तान में तड़के हिला धरती का सीना
सोमवार तड़के अफगानिस्तान में भूकंप के तेज झटकों ने सबको दहला दिया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता लगभग 6.3 बताई जा रही है। यह झटके राजधानी काबुल से लेकर उत्तरी और पश्चिमी प्रांतों तक महसूस किए गए। भूकंप इतना तेज था कि लोग अपनी नींद से जाग उठे और घरों से बाहर भागे। कई इमारतें ध्वस्त हो गईं और मलबे में लोगों के फंसे होने की जानकारी सामने आई है।

प्राथमिक रिपोर्टों के अनुसार, अब तक लगभग 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैकड़ों घायल हैं। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जहां इलाज जारी है। राहत और बचाव दल लगातार मलबा हटाने के काम में जुटे हैं।
भूकंप का केंद्र और गहराई
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के पश्चिमी इलाके हेरात प्रांत के पास था। यह क्षेत्र पहले भी बार-बार भूकंप की चपेट में आता रहा है। भूकंप की गहराई लगभग 10 किलोमीटर बताई जा रही है, जो इसे सतही भूकंप बनाती है और इसलिए इसका असर व्यापक क्षेत्र में महसूस हुआ।
- इस भूकंप के झटके पड़ोसी देशों पाकिस्तान, ईरान और तजाकिस्तान के कुछ इलाकों में भी महसूस किए गए।
- सोशल मीडिया पर लोगों ने रात में कांपती जमीन और धूल में ढके इलाकों के वीडियो साझा किए हैं।
प्रभावित इलाकों में हाहाकार
- हेरात, बागिस, फराह और बदगीस प्रांतों से सबसे ज्यादा नुकसान की खबरें आ रही हैं।
- यहां कई गांव पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। ग्रामीण इलाकों में कच्चे मकान मलबे में तब्दील हो गए हैं।
- स्थानीय प्रशासन ने सेना और रेस्क्यू टीमों को राहत कार्य के लिए तैनात किया है।
- कई इलाकों में सड़कें टूट गई हैं जिससे राहत सामग्री पहुंचाने में कठिनाई हो रही है।
- फिलहाल सरकार ने हेलीकॉप्टरों और ड्रोन की मदद से मलबे में फंसे लोगों की तलाश शुरू की है।
- संयुक्त राष्ट्र की राहत एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं
- और प्रभावित इलाकों में तंबू, पानी और खाने की व्यवस्था भेजी जा रही है।
पहले भी झेल चुका है अफगानिस्तान ऐसी तबाही
- अफगानिस्तान भूकंप प्रवण क्षेत्र में स्थित है, जहां टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल अक्सर
- विनाशकारी रूप ले लेती है। बीते कुछ वर्षों में यह देश कई बार भूकंप की चपेट में आया है।
- वर्ष 2023 में भी हेरात में आए भूकंप से सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी।
वर्तमान आपदा ने फिर एक बार अफगानिस्तान की नाजुक स्थिति को उजागर कर दिया है। गैर-मजबूत घर, कमजोर बुनियादी सुविधाएं और सीमित स्वास्थ्य संसाधन राहत कार्य में बड़ी चुनौती बने हुए हैं।
अफगान सरकार और अंतरराष्ट्रीय मदद
- अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार ने सभी राहत एजेंसियों को मिलकर काम करने का निर्देश दिया है।
- प्रधानमंत्री दफ्तर की ओर से कहा गया है कि प्रभावित परिवारों को तुरंत सहायता राशि दी जाएगी।
इसी बीच भारत, पाकिस्तान, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात ने मदद भेजने की घोषणा की है। भारतीय दूतावास ने कहा है कि भारत मानवीय मदद और मेडिकल सपोर्ट के लिए तैयार है। अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति ने भी राहत कार्य शुरू कर दिए हैं।
आम जनता में भय और असुरक्षा
- लगातार आने वाले झटकों के कारण लोग अब भी खुली जगहों पर हैं।
- स्कूल, मार्केट और सरकारी दफ्तर अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं।
- बिजली और संचार प्रणाली कई क्षेत्रों में बाधित है।
- मदद की प्रतीक्षा कर रहे लोगों का कहना है कि प्रशासन को गांवों तक राहत कार्य
- और तेजी से पहुंचाना चाहिए। मानवाधिकार संगठनों ने चेतावनी दी है
- कि ठंड के मौसम में यह आपदा घायलों और बेघर लोगों के लिए और भी मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
अफगानिस्तान का यह भूकंप एक बार फिर हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए तैयारी कितनी जरूरी है। मानव जीवन की सुरक्षा और समय पर राहत कार्य ही ऐसे भीषण हादसों के प्रभाव को कम कर सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उम्मीद है कि वे इस मुश्किल घड़ी में अफगानिस्तान की जनता के साथ खड़ी रहेगी।









