लखनऊ प्लॉट ठगी केस : 2025 लखनऊ में 2025 में प्लॉट बेचने के नाम पर 30 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। यह केस राजधानी में लगातार बढ़ती रियल एस्टेट जालसाजी और आम नागरिकों के हितों पर संगीन खतरे को दर्शाता है। इस ब्लॉग पोस्ट में केस की पूरी जानकारी, ठगी के तरीके, केस की जांच, और सुरक्षित निवेश को लेकर महत्वपूर्ण बातें विस्तार से बताई गई हैं। साथ में आपको SEO फ्रेंडली टैग्स भी मिलेंगे।
ठगी का मामला: कैसे हुई 30 लाख की धोखाधड़ी?
लखनऊ के देवा रोड स्थित एक हाउसिंग सोसाइटी में एक दंपती को सस्ते और कानूनी प्लॉट दिलाने का झांसा देकर 30 लाख रुपये ठग लिए गए। जालसाजों ने बहुत आकर्षक रेट और मौके दिखा कर विश्वास दिलवाया। जब पीड़ित ने पूरी रकम दे दी, तो न तो प्लॉट मिला, न ही रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी हुई। बार-बार पूछने पर जालसाज बहाने बनाते रहे और बाद में धमकी भी दी गई। परेशान होकर पीड़ित ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिस पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

रियल एस्टेट ठगी के प्रमुख तरीके
- फर्जी दस्तावेज: जालसाज भूमि के फर्जी दस्तावेज, नकली रजिस्ट्री या अन्य कागजात तैयार करते हैं।
- भ्रामक वादे: ग्राहक को सस्ती जमीन, कानूनी रजिस्ट्री और तत्काल कब्जा देने का वादा।
- EMI ट्रैप: कई बार EMI पर प्लॉट देने का वादा कर पैसे हड़प लिए जाते हैं, लेकिन बाद में प्लॉट नहीं मिलता।
- धमकी और ब्लैकमेल: सवाल-जवाब या भुगतान मांगने पर पीड़ित को धमकी दी जाती है या गुमराह किया जाता है।
पुलिस जांच और कानूनी कार्रवाई
ठगी के शिकार हुए पीड़ित परिवार की तहरीर पर संबंधित थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। जांच अधिकारी बयान दर्ज कर साक्ष्य इकट्ठा कर रहे हैं। कई मामलों में कोर्ट के आदेश पर अभियुक्तों की गिरफ्तारी भी हो रही है। एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) सहित कई विभाग इस तरह के केसों का संज्ञान लेकर जाँच कर रहे हैं
लखनऊ रियल एस्टेट में बढ़ती धोखाधड़ी
- 2025 में लखनऊ शहर में प्लॉट घोटाले के दर्जनों मामले सामने आए हैं।
- कई केसों में बड़े बिल्डरों और प्रॉपर्टी डीलर्स की संलिप्तता मिली है।
- ऐसे फ्रॉड के कारण आम लोगों की गाढ़ी कमाई दांव पर लग रही है।
- इसी लिए प्रशासन ने फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं, और जाँच कार्य तेज किए गए हैं।
सुरक्षित निवेश के लिए सुझाव
- हमेशा जांचें कि जमीन के असली मालिक कौन हैं, रजिस्ट्री से पहले दस्तावेज सुनिश्चित करें।
- ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों स्रोतों से प्रॉपर्टी की जांच-पड़ताल करें।
- अदालत और प्रशासनिक विभाग (जैसे LDA या नगर निगम) से वैधता जांचें।
- पेमेंट केवल RTGS/NEFT के जरिए करें, कैश पेमेंट से बचें।
- किसी भी ऑफर पर पक्की रजिस्ट्री या कब्जा मिलने के बाद ही फाइनल भुगतान करें।
- जालसाजों के झांसे में न आएं, ब्रोकर या सहायक के बजाय खुद जाँच करें।
पीड़ितों के लिए मिलने वाले अधिकार
- पुलिस में तत्काल शिकायत करें।
- कोर्ट में केस दायर किया जा सकता है।
- जमीन संबंधित विवादों में प्रशासनिक मदद ले सकते हैं।
- मीडिया और सोशल मीडिया से केस को उजागर कर सकते हैं।












