कन्नन गोपीनाथन आर्टिकल 370 :13 अक्टूबर 2025 को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना घटी, जब पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का दामन थाम लिया. आर्टिकल 370 के निरसन के विरोध में 2019 में अपने प्रतिष्ठित नौकरी से इस्तीफा देने वाले गोपीनाथन का यह कदम देश की राजनीतिक आलोचना में एक नया मोड़ ला सकता है. उनके जुड़ने का औपचारिक समारोह कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और पार्टी नेता पवन खेरा की उपस्थिति में आईसीसी मुख्यालय में हुआ!
कन्नन गोपीनाथन आर्टिकल 370 राजनीतिक यात्रा का तर्क

39 वर्षीय गोपीनाथन ने अपने राजनीतिक निर्णय के पीछे के तर्क को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि उनका विश्वास है कि वर्तमान सरकार की विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है जिसके पास देश को सही दिशा में ले जाने की दृष्टि है. उन्होंने बताया कि इस्तीफे के बाद उन्होंने 80-90 जिलों की यात्रा की और लोगों से बातचीत की. इस यात्रा के दौरान उन्होंने कई नेताओं से मुलाकात की, जिसके बाद उन्हें यह स्पष्ट हो गया कि केवल कांग्रेस ही देश को उस दिशा में ले जा सकती है जहां यह जाना चाहिए.
आर्टिकल 370 और इस्तीफे का मुद्दा
- गोपीनाथन ने अपने इस्तीफे के कारणों को दोहराया और कहा कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करना सरकार
- का एक निर्णय हो सकता है, लेकिन पूरे राज्य को बंद करना, पत्रकारों, सांसदों और पूर्व मुख्यमंत्रियों को जेल में डालना,
- परिवहन, संचार और इंटरनेट को बंद करना लोकतांत्रिक राष्ट्र में उचित नहीं हो सकता. उन्होंने जोर देकर कहा
- कि इस तरह के कदमों के खिलाफ आवाज उठाना हर नागरिक का कर्तव्य है.
- उन्होंने कहा, “मैं उन लोगों को देशद्रोही मानता हूं
- जो जानते हैं कि देश सही दिशा में नहीं जा रहा है, लेकिन अपने लाभ, लालच या अस्तित्व
- के लिए चुप रहते हैं। मैं ऐसा देशद्रोही नहीं बनना चाहता था”.
कांग्रेस का स्वागत और भविष्य की उम्मीदें!
- कांग्रेस ने गोपीनाथन के आगमन को एक महत्वपूर्ण जनतांत्रिक जीत के रूप में देखा. के.सी. वेणुगोपाल ने
- उन्हें “उन बहादुर ब्यूरोक्रेट्स में से एक” कहा जिन्होंने हमेशा वंचित और सीमांत वर्गों के पक्ष में न्याय और
- एकता के लिए लड़ाई लड़ी है. पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि इस
- विभाजनकारी एजेंडे के खिलाफ लड़ने का समय आ गया है
- और गोपीनाथन का जुड़ना एक स्वागत योग्य कदम है. वेणुगोपाल ने यह भी उल्लेख किया कि गोपीनाथन का
- इस्तीफा अभी तक सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किया गया है, जो न्याय
- और वंचितों के लिए लड़ने वाले अधिकारियों के खिलाफ सरकार की दमनकारी नीति को दर्शाता है
- गोपीनाथन केरल के रहने वाले हैं और 2012 बैच के आईएएस अधिकारी थे, जिन्होंने मिजोरम के आइजॉल के
- जिला मजिस्ट्रेट और दादरा व नगर हवेली तथा दमन व दीव में प्रमुख विभागों के सचिव के रूप में सेवा की.
- उनके जुड़ने से पार्टी को न केवल नैतिक बल मिला है, बल्कि आगामी चुनावों में भी एक नई आवाज मिली है!