महंगाई भत्ता बढ़ोतरी 2025 : केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए साल 2025 की शुरुआत एक अच्छी खबर के साथ हुई है। केंद्र सरकार ने मार्च 2025 में महंगाई भत्ते (Dearness Allowance – DA) में 2% की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है, जिससे अब DA 53% से बढ़कर 55% हो गया है। यह बढ़ोतरी 1 जनवरी 2025 से प्रभावी मानी जाएगी और इसका लाभ करीब 1.2 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलेगा136।
महंगाई भत्ता (DA) क्या है!

महंगाई भत्ता बढ़ोतरी 2025
#महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई के असर से राहत देने के लिए दिया जाता है। यह मूल वेतन (Basic Pay) का एक निश्चित प्रतिशत होता है, जिसे हर छह महीने में संशोधित किया जाता है। इसका निर्धारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर किया जाता है, ताकि कर्मचारियों की क्रय शक्ति पर महंगाई का असर कम हो सके15।
2025 की DA बढ़ोतरी के मुख्य बिंदु
नई दर: 53% से बढ़ाकर 55%
प्रभावी तिथि: 1 जनवरी 2025
एरियर: जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 के लिए एरियर अप्रैल 2025 के वेतन/पेंशन के साथ मिलेगा156
लाभार्थी: लगभग 48.66 लाख कर्मचारी और 66.55 लाख पेंशनर्स8
DA बढ़ोतरी का वेतन पर असर
मान लीजिए किसी कर्मचारी का मूल वेतन ₹40,000 है। पहले 53% DA के हिसाब से उसे ₹21,200 मिलता था। अब 55% DA के हिसाब से उसे ₹22,000 मिलेगा। यानी हर महीने ₹800 की सीधी बढ़ोतरी होगी। इसी तरह, जिनका बेसिक पे ₹18,000 है, उनका DA ₹9,540 से बढ़कर ₹9,900 हो जाएगा139।
पेंशनर्स के लिए भी राहत
यह बढ़ोतरी पेंशनर्स के लिए भी लागू होगी, जिससे उनकी मासिक पेंशन में भी इजाफा होगा। साथ ही, DA बढ़ने से भविष्य निधि (PF) और ग्रेच्युटी जैसी रिटायरमेंट बेनिफिट्स भी बढ़ेंगे9।
आर्थिक असर और भविष्य की संभावना
सरकार की इस बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर सालाना करीब ₹6,614 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा8।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 की पहली तिमाही में महंगाई दर में गिरावट के चलते जुलाई
2025 में DA में 2% से कम या शून्य बढ़ोतरी भी हो सकती है710। यह 7वें वेतन आयोग के तहत
अंतिम संशोधन होगा, क्योंकि 8वां वेतन आयोग 2027 तक आने की संभावना है710।
DA बढ़ोतरी भले ही इस बार मामूली रही हो, लेकिन यह कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए राहत लेकर आई है।
इससे उनकी मासिक आय में बढ़ोतरी होगी और महंगाई के असर को कम करने में मदद मिलेगी।
हालांकि, भविष्य में DA में बड़ी बढ़ोतरी की संभावना फिलहाल कम नजर आ रही है
ऐसे में कर्मचारियों को अपने वित्तीय नियोजन में सतर्कता बरतनी चाहिए।