उत्तर प्रदेश में 1.56 लाख बिजली उपभोक्ताओं को एकमुश्त समाधान (ओटीएस) योजना के तहत तीन चरणों में बिजली बिल में छूट मिलेगी। योजना 15 दिसंबर से शुरू होकर 31 जनवरी तक चलेगी, जिसमें उपभोक्ता ऑनलाइन पंजीकरण कर सकेंगे और बकाया राशि के अनुसार छूट का लाभ उठा सकेंगे।
उत्तर प्रदेश में 1.56 लाख यूपी में ओटीएस योजना के तीन चरण शुरू, बिजली बिल बकायेदारों को मिलेगी बड़ी राहत
#यूपी में ओटीएस योजना तीन चरणों में शुरू होगी, जिसमें उपभोक्ताओं को बिजली बिल पर भारी छूट मिलेगी। योजना का पहला चरण 1 दिसंबर 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक चलेगा, जिसमें पंजीकरण कराने वाले उपभोक्ताओं को 25% छूट मिलेगी। दूसरा चरण 1 जनवरी 2026 से 31 जनवरी 2026 तक होगा, जिसमें छूट 20% तक कम हो जाएगी। तीसरा चरण 1 फरवरी 2026 से 28 फरवरी 2026 तक चलेगा, जिसमें छूट 15% रहेगी।
ओटीएस योजना के तीन चरण और उनकी विशेषताएं

इस योजना का पहला चरण 15 दिसंबर से 31 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें एक किलोवाट तक भार वाले उपभोक्ताओं को 100% छूट मिलेगी। योजना का दूसरा चरण 1 जनवरी से 15 जनवरी तक रहेगा जिसमें छूट कम होगी। तीसरा चरण 16 जनवरी से 31 जनवरी तक चलेगा, जहां भी छूट की शर्तें तय होंगी।
ओटीएस योजना से इलेक्ट्रिसिटी बिल बकायेदारों को राहत
बिजली बिल भुगतान में कोताही करने वाले उपभोक्ताओं को इस योजना से बड़ी राहत मिलेगी। अधिभार और विलंब शुल्क में छूट मिलने से उपभोक्ता आर्थिक दबाव से निकल सकेंगे और बिजली विभाग का राजस्व भी सुधरेगा।
योजना के तहत ऑनलाइन पंजीकरण और भुगतान के विकल्प
उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ लेने के लिए यूपी पावर कॉर्पोरेशन की
वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण कराना होगा। भुगतान के लिए
एकमुश्त या किश्तों में भुगतान जैसे विकल्प उपलब्ध होंगे, जिससे भुगतान प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
उपभोक्ता योजना के अंतर्गत आते हैं?
योजना के तहत घरेलू, वाणिज्यिक, निजी संस्थान, औद्योगिक उपभोक्ता
और स्टैंडबाय कनेक्शनधारक सभी इसका लाभ उठा सकते हैं। योजना का
लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को अपनी बकाया राशि के साथ निर्धारित राशि जमा करनी होगी।
ओटीएस योजना के तहत छूट की दर और नियम
पहले चरण में 100% छूट, दूसरे में 80% और तीसरे चरण में
छूट की दर थोड़ी कम होगी। समय पर पंजीकरण कराने से उपभोक्ता
इन छूट का फायदा उठा सकते हैं। योजना के नियमों का पालन करना आवश्यक होगा।
भविष्य की चुनौतियां और समाधान
ओटीएस योजना से बिजली विभाग की राजस्व कमी को
कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही उपभोक्ताओं के प्रति विभाग की
विश्वसनीयता में वृद्धि होगी। हालांकि, योजना के कार्यान्वयन में
चुनौतियां भी होंगी जिन्हें सतत निगरानी और सुधार की जरूरत है।










