इथियोपिया ज्वालामुखी विस्फोट इथियोपिया के 10 हजार साल पुराने ज्वालामुखी विस्फोट पर चश्मदीद ने कहा- ऐसा लगा जैसे बम फटा हो; राख का गुबार आसमान में छा गया, लोगों में दहशत।
चश्मदीद ने बताया कैसा था मंजर, जब इथियोपिया का ज्वालामुखी अचानक फट पड़ा
जैसे बम फटा हो चश्मदीद ने इथियोपिया में हुए ज्वालामुखी विस्फोट को अपनी आंखों से देखा और बताया कि मंजर बेहद भयानक था। उन्होंने कहा कि विस्फोट इतना जबरदस्त था कि ऐसा लगा जैसे कोई बड़ा बम फटा हो। आसमान धुंधलाया हुआ था और राख का गुबार आसपास के इलाके में फैल गया था। इस घटना ने इलाके में काफी दहशत मचा दी और लोगों के बीच भय का माहौल बन गया। विस्फोट की आवाज इतनी तेज थी
अचानक फटा 10,000 साल पुराना ज्वालामुखी

इथियोपिया के अफार क्षेत्र में हायली गुब्बी ज्वालामुखी 10,000 साल बाद फटा। चश्मदीदों ने बताया कि धमाका इतना ज़बरदस्त था कि इलाके में हलचल मच गई, लोगों को ऐसा महसूस हुआ मानो आस-पास बम फटा हो। राख और गैस का गुबार आसमान में 14 किलोमीटर तक फैल गया, जिससे दिन में भी अंधेरा छा गया।
“मंजर था डरावना”— प्रत्यक्षदर्शी की जुबानी
प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि विस्फोट के बाद कई मिनट तक ज़मीन हिलती रही। तेज़ आवाज़ के साथ घरों की खिड़कियाँ तक कांप उठीं। लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए और बच्चों को तुरंत घर के अंदर पहुंचाया।
राख और सल्फर की मोटी परत इलाके में छायी दहशत
विस्फोट के बाद कुछ ही मिनटों में इलाके के आसमान में मोटी राख
और सल्फर डाइऑक्साइड तैरने लगी। इस राख ने आसपास के गांवों के
दृश्यता को पूरी तरह धुंधला कर दिया और सांस लेने में तकलीफ भी होने लगी।
धुएं के गुबार का दुनिया पर असर
चश्मदीदों के मुताबिक, विस्फोट के बाद राख का बड़ा सा बादल सैकड़ों
किलोमीटर दूर तक फैलता चला गया। वैज्ञानिकों के अनुसार, इतना बड़ा
ज्वालामुखीय विस्फोट दुनियाभर के मौसम को प्रभावित कर सकता है, कई फ्लाइट्स तक रद्द करनी पड़ीं।
जान-माल की सुरक्षा में जुटा प्रशासन
विस्फोट के तुरंत बाद प्रशासन ने आपातकालीन व्यवस्था शुरू की।
चश्मदीद ने बताया कि अफरातफरी के माहौल में पुलिस और राहत दल ने
लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर भेजना शुरू कर दिया।
पुराना ज्वालामुखी, नई चेतावनी
सालों से शांत हायली गुब्बी ज्वालामुखी के अचानक फटने से वैज्ञानिक हैरान हैं।
चश्मदीदों का कहना है कि पहले कभी ऐसा भयानक अनुभव नहीं हुआ, भविष्य में सतर्क रहना ज़रूरी है।
भारत तक असर राख के बादल की सफर-कहानी
विस्फोट के बाद उड़े राख के बादल ने ओमान, यमन, सऊदी अरब होते हुए
भारत तक का रास्ता तय किया। दिल्ली, जयपुर जैसे शहर भी इस राख की
चपेट में आ गए, जिससे फ्लाइट्स और मौसम पर असर देखने को मिला।










