शोले धर्मेंद्र कास्टिंग जानिए कैसे धर्मेंद्र बने फिल्म ‘शोले’ के ‘वीरू’? डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने खोला कास्टिंग का राज और बताया क्यों धर्मेंद्र ने ठुकरा दिया ‘ठाकुर’ का रोल, और क्यों चुना ‘वीरू’ का किरदार।
शोले धर्मेंद्र कास्टिंग धर्मेंद्र ने ठुकराया ‘ठाकुर’ का रोल, हेमा मालिनी के लिए निभाया ‘वीरू’ का किरदार — रमेश सिप्पी का खुलासा
धर्मेंद्र ने फिल्म ‘शोले’ में शुरुआत में ‘ठाकुर’ का रोल करने की इच्छा जताई थी क्योंकि उन्हें लगा था कि यह किरदार सबसे मजबूत और गंभीर है। लेकिन जब निर्देशक रमेश सिप्पी ने उन्हें बताया कि संजीव कुमार को ठाकुर का रोल मिलेगा और ‘वीरू’ का रोल उनमें से एक को निभाना होगा, तो धर्मेंद्र थोड़े परेशान हो गए। उस वक्त धर्मेंद्र को अपनी को-स्टार हेमा मालिनी से प्यार था और उन्होंने सोचा कि यदि वे ‘वीरू’ का किरदार निभाएंगे तो उनके और हेमा के बीच स्क्रीन पर रोमांटिक सीन होंगे, जबकि ठाकुर के रोल में ऐसा मौका नहीं मिलेगा।
धर्मेंद्र का ‘वीरू’ बनना नियति थी

इस ब्लॉग में बताया जाएगा कि किस तरह धर्मेंद्र को ‘शोले’ में ‘वीरू’ के रोल के लिए कास्ट किया गया। निर्देशक रमेश सिप्पी ने बताया कि धर्मेंद्र को उन्होंने ‘सीता और गीता’ की पहचान के बाद ही ‘वीरू’ के लिए चुना क्योंकि उनकी एनर्जी और शरारती स्वभाव ‘वीरू’ के किरदार से मेल खाते थे। उनके अभिनय की सहजता ने ‘वीरू’ को जीवन्त बना दिया।
धर्मेंद्र ने क्यों ठुकराया ‘ठाकुर’ का रोल
इस पोस्ट में फोकस होगा कि धर्मेंद्र ने शुरुआत में ‘ठाकुर’ का सिक्का चलाना चाहा था लेकिन जब उन्हें पता चला कि संजीव कुमार ठाकुर की भूमिका करेंगें और ‘वीरू’ के किरदार में उन्हें हेमा मालिनी के साथ रोमांटिक सीन मिलेंगे, तो उन्होंने ‘वीरू’ का रोल स्वीकार किया। यह उनके निजी संबंधों और पेशेवर समझदारी का फैसला था।
धर्मेंद्र-हेमा मालिनी की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री
यहाँ वे सीन और पल बताए जाएंगे जहाँ धर्मेंद्र ने हेमा मालिनी के साथ मिलकर ‘वीरू’ और ‘बसंती’ के रिश्ते को इतना स्वाभाविक बनाया कि दर्शक decades बाद भी इसे याद करते हैं। धर्मेंद्र की एक्टिंग और संवाद अदायगी ने इस जोड़ी को सुपरहिट बना दिया।
‘वीरू’ के किरदार की खासियत और एक्टिंग का तरीका
धर्मेंद्र ने अपने किरदार में न केवल कॉमेडी और एक्शन बल्कि इमोशनल गहराई भी दी।
डायरेक्टर रमेश सिप्पी के अनुसार धर्मेंद्र की एनर्जी और सहजता ने ‘
वीरू’ को अलग बनाकर हिंदी सिनेमा का यादगार किरदार बना दिया।
खासकर ट्रेन के सीन और जय की मौत पर उनका प्रदर्शन सराहनीय था।
धर्मेंद्र को ‘शोले’ में सबसे ज्यादा फीस मिली
इस ब्लॉग में बताया जाएगा कि धर्मेंद्र ने ‘शोले’ के लिए उस समय
सबसे ज्यादा फीस ली थी क्योंकि उनके स्टारडम के कारण मेकर्स ने उन्हें सबसे
बड़ी रकम दी थी। इसने यह साबित किया कि ‘वीरू’ का किरदार न केवल खास था
बल्कि उसमें धर्मेंद्र के योगदान को भी मूल्यवान माना गया था।
अमिताभ बच्चन को जय के रोल की सिफारिश धर्मेंद्र ने की
यह पोस्ट धर्मेंद्र की फिल्म में टीम भावना और समझदारी को दर्शाएगा,
जिसमें उन्होंने अमिताभ बच्चन को जय की भूमिका के लिए प्रस्तुत किया।
धर्मेंद्र की यह सोच फिल्म की सफलता में अहम साबित हुई,
और दोनों की जोड़ी दर्शकों में लोकप्रिय हुई।
शोले कास्टिंग के दिलचस्प किस्से और चुनौतियां
इस ब्लॉग में रमेश सिप्पी से मिली जानकारियों के साथ बताया जाएगा
कि शूटिंग के दौरान धर्मेंद्र ने कई रिटेक लिए ताकि रोमांटिक सीन और
किरदार की हकीकत दर्शा सकें। उनके अभिनय के पीछे की
चुनौतियां और डायरेक्शन की भूमिका साझा की जाएगी।












