बिहार 2025 चुनाव में अमित शाह ने एनडीए के लिए बड़ा टारगेट तय किया है। शाह चाहते हैं कि गठबंधन पहले चरण में दो-तिहाई सीटें जीतकर चुनाव में मजबूत बढ़त बनाए। जानिए उनकी रणनीति, सीटों का बंटवारा और बीजेपी की चुनावी तैयारी की पूरी जानकारी
बिहार 2025 चुनाव: अमित शाह ने एनडीए को दिया बड़ा चुनावी टारगेट
#बिहार 2025 चुनाव को लेकर अमित शाह ने एनडीए को बड़ा चुनावी लक्ष्य सौंपा है। उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा है कि पहले चरण में दो-तिहाई सीटों पर जीत सुनिश्चित करनी होगी। इसके लिए बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया गया है। बिहार 2025 चुनाव शाह का मानना है कि शुरुआती बढ़त ही पूरे चुनावी नैरेटिव को तय करेगी। अब बीजेपी और सहयोगी दल इस दिशा में अपनी रणनीति लागू करने में जुट गए हैं।

अमित शाह का बड़ा चुनावी ऐलान
बिहार चुनाव 2025 को लेकर अमित शाह ने एनडीए के रणनीतिक लक्ष्य तय किए हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि पहले चरण में दो-तिहाई सीटें जीतनी जरूरी हैं। इससे चुनाव की शुरुआत में ही विपक्ष पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बन सकेगी। शाह का यह कदम पूरे चुनाव अभियान की दिशा तय करेगा।
संगठन को मिली स्पष्ट रणनीति
शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि बूथ से लेकर जिला स्तर तक संगठन को सक्रिय किया जाए। हर मतदान केंद्र पर जीत सुनिश्चित करने का प्लान तैयार किया जा रहा है। इससे बीजेपी और एनडीए के बीच बेहतर तालमेल बनेगा।
पहले चरण की सीटों पर खास फोकस
पहले चरण की सीटों को शाह ने ‘निर्णायक चरण’ बताया है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में बढ़त बनाकर मुकाबला आसान किया जा सकता है। इसलिए इन क्षेत्रों में मंत्री और वरिष्ठ नेताओं की तैनाती की जा रही है। बीजेपी का लक्ष्य है कि इन सीटों से जीत का माहौल बनाया जाए।
गठबंधन दलों के बीच बैठकें तेज
अमित शाह के टारगेट के बाद एनडीए के घटक दलों में बैठकों की रफ्तार बढ़ी है। जद(यू), एलजेपी और अन्य सहयोगी दलों से सीटवार समीक्षा की जा रही है। प्रत्येक सीट पर कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया जा रहा है। गठबंधन का मकसद है कि कहीं भी मतों का बंटवारा न हो।
शाह का फोकस ग्राउंड लेवल पर
अमित शाह ने जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद शुरू किया है। उन्होंने कहा कि हर बूथ पर पांच सक्रिय कार्यकर्ता होने चाहिए। लोगों तक सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी पहुंचाई जाए। यह रणनीति ग्रामीण और छोटे कस्बों में वोट बेस बढ़ाने पर केंद्रित है।
डिजिटल प्रचार को मिली प्राथमिकता
बीजेपी इस चुनाव में टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया का अधिक उपयोग करेगी। शाह ने युवाओं के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नई कैंपेन टीम बनाई है। ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सऐप ग्रुप्स के जरिए संदेश पहुंचाया जाएगा। इससे युवा और प्रथम बार मतदाताओं पर प्रभाव डालने की कोशिश की जाएगी।
विपक्ष पर हमलावर रणनीति
एनडीए की रणनीति में विपक्ष पर सीधे हमले का प्लान भी शामिल है।
अमित शाह ने विपक्ष के वादों को अव्यवहारिक बताया है।
उनका कहना है कि एनडीए विकास और स्थिरता के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगा।
इससे जनता में भरोसा कायम करने की कोशिश की जाएगी।
उम्मीदवार चयन पर सख्त मानदंड
इस बार प्रत्याशियों का चयन पूरी रिपोर्ट और सर्वे के आधार पर होगा।
शाह ने निर्देश दिया कि केवल जीत सकने वाले उम्मीदवारों को टिकट मिले।
स्थानीय लोकप्रियता और विवाद-मुक्त छवि प्राथमिक मापदंड होंगी।
इससे टिकट वितरण को लेकर असंतोष की संभावना कम होगी।
जनसभाओं और रैलियों की तैयारी
अमित शाह ने बिहार भर में 50 से अधिक रैलियों का ब्लूप्रिंट तैयार करवाया है।
हर रैली का उद्देश्य स्थानीय मुद्दों पर फोकस और जनता से जुड़ाव है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभाएं भी पहले चरण से पहले तय की जाएंगी।
इससे एनडीए के पक्ष में माहौल बनाने की योजना है।
शाह की रणनीति पर सबकी निगाहें
शाह की यह चुनावी योजना एनडीए के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पहले चरण की जीत से पूरे राज्य में असर होगा।
इसलिए हर दल अपनी रणनीति अमित शाह के आदेशों के अनुसार ढाल रहा है।
अब देखना होगा कि यह प्लान बिहार की सियासत में कितना सफल होता है।
निष्कर्ष
अमित शाह की यह रणनीति बिहार चुनाव 2025 में एनडीए के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। पहले चरण की सीटों पर जोर देकर बीजेपी चुनाव की दिशा तय करना चाहती है। गठबंधन दलों के बीच तालमेल और जमीनी नेटवर्क इस योजना की कुंजी रहेगा शाह की सक्रियता और संगठन की तैयारी से एनडीए को शुरुआती बढ़त मिल सकती है। अब देखना होगा कि यह बड़ा लक्ष्य वास्तविकता में कितना सफल होता है।
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