Wockhardt Stock News : भारतीय शेयर बाजार में इस हफ्ते सबसे बड़ी उछाल का नाम है – Wockhardt! सिर्फ 2 कारोबारी सत्रों में कंपनी का शेयर प्राइस लगभग 27% तक बढ़ गया**। इसका एकमात्र कारण है अमेरिकी दवा नियामक संस्था US FDA ने Wockhardt की नई ब्रेकथ्रू एंटीबायोटिक दवा Zaynich (Zidebactam/Cefepime) के लिए New Drug Application (NDA) को आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है। यह भारत के फार्मा इतिहास में पहली बार हुआ है कि कोई भारतीय कंपनी पूरी तरह से खुद विकसित की गई नई केमिकल एंटिटी (NCE) की दवा को US FDA से NDA अप्रूवल की दहलीज तक लेकर आई हो।
Zaynich क्या है और क्यों है इतनी खास?
Zaynich कोई साधारण एंटीबायोटिक नहीं है। यह एक पहली-इन-क्लास कॉम्बिनेशन दवा है जिसमें:

- Cefepime (चौथी पीढ़ी का सेफेलोस्पोरिन एंटीबायोटिक)
- Zidebactam (नया बीटा-लैक्टामेज इनहिबिटर)
यह कॉम्बिनेशन उन सुपरबग्स पर भी असरदार है जो आज की ज्यादातर एंटीबायोटिक्स के खिलाफ रेसिस्टेंट हो चुके हैं, जैसे:
- Carbapenem-resistant Pseudomonas
- ESBL-producing bacteria
- Multidrug-resistant (MDR) और Extensively drug-resistant (XDR) इंफेक्शन
WHO के अनुसार एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (AMR) आने वाले दशकों में कैंसर से भी ज्यादा जानें ले सकता है। ऐसे में Zaynich जैसी दवा पूरी दुनिया के लिए वरदान साबित हो सकती है।
शेयर प्राइस में आग लगी – 2 दिन में 27% रिटर्न!
- 29 नवंबर को शेयर बंद हुआ था करीब ₹950 के आसपास
- NDA स्वीकार होने की खबर आने के बाद लगातार अपर सर्किट पर अपर सर्किट
- 2 दिसंबर तक शेयर ₹1,200 के पार पहुंच गया
- मार्केट कैप में एक झटके में 4,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का इजाफा!
ब्रोकरेज हाउस भी बुलिश हैं। कई एनालिस्ट्स ने टारगेट प्राइस ₹1,500–1,800 तक रखा है, क्योंकि अगर Zaynich को फाइनल अप्रूवल मिलता है तो यह Wockhardt के लिए सालाना अरबों डॉलर की कमाई का दरवाजा खोलेगा।
भारतीय फार्मा के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि
- पहली बार कोई भारतीय कंपनी पूरी तरह स्वदेशी R&D से बनी नई एंटीबायोटिक को US FDA के NDA स्टेज तक लेकर आई
- 10 साल से ज्यादा की मेहनत, 1000+ क्लिनिकल ट्रायल्स, करोड़ों का निवेश
- ग्लोबल लेवल पर भारत को “इनोवेटिव ड्रग डिस्कवरी हब” के रूप में स्थापित करने वाला कदम
आगे क्या? निवेशकों के लिए मौका या रिस्क?
FDA द्वारा NDA स्वीकार करना मतलब अब रिव्यू प्रोसेस शुरू हो गया है। आमतौर पर Priority Review में 6–10 महीने लगते हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में Zaynich अमेरिकी बाजार में लॉन्च हो सकती है। उस वक्त Wockhardt का रेवेन्यू और प्रॉफिट कई गुना बढ़ सकता है।
हालांकि जोखिम भी है – अगर ट्रायल डेटा में कोई कमी निकली तो देरी या रिजेक्शन भी हो सकता है। लेकिन अभी का सेंटिमेंट पूरी तरह पॉजिटिव है।
भारतीय इनोवेशन की नई मिसाल
Wockhardt ने साबित कर दिया कि भारतीय कंपनियां सिर्फ जेनेरिक दवाएं ही नहीं, बल्कि दुनिया को बचाने वाली नई दवाएं भी बना सकती हैं। Zaynich सिर्फ एक दवा नहीं, भारत के वैज्ञानिक सामर्थ्य का प्रतीक है।












