जिंदगी में कुछ हादसे ऐसे हो जाते है कि इंसान जिन्दा तो सारी उम्र रहता है लेकिन अन्दर से मर जाता है
हार गया हूं मैं तुझसे अब ऐ जिंदगी बेहतर होगा अब मेरा तू हिसाब कर दे
गुनाह मालुम नही पर सजा लाजवाब मिली है
तुमसे दूर जाने का कोई इरादा न था पर रुकते कैसे
जब तू ही हमारा न था
सुना था हमने किस्सों में जुदाई की बातें जब खुद पर बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ