खामोशी को चुना है क्योंकि बहुत कुछ सुना है मैंने
स्टेशन जैसी हो गयी है ज़िन्दगी जहां लोग तो बहुत है पर अपना कोई नहीं
एक बात हमेशा याद रखना दुनिया में तुम्हे मेरे जैसे बहुत मिलेंगे लेकिन उनमे तुम्हे हम नही मिलेंगे
टूट कर चाहा था तुम्हे, और तोड़ कर रख दिया तुमने मुझे
आखिर कैसे भुला दे हम उन्हें मौत इंसानो को आती है यादों को नहीं