होती जो अगर कोई कीमत तुम्हें पाने की
खुद को बेच देता लेकिन तुझे नहीं खोता
जो रिश्ते बड़ी खामोशी से टूट गए हैं
उन रिश्तो के लिए
अब मैं शोर नहीं करूंगा
ऐसा क्या गुनाह किया था भगवान
जो तूने जीते जी मरने की सजा दे डाली
इससे अच्छा तो ना होना ही अच्छा था
बातें वो किसी और से करते हैं
मुझे तो बस मूड ठीक करने
और गुस्सा दिखाने के लिए रखा है
सिर्फ गलतियों का पुतला ही नहीं
बल्कि परिस्थितियों का
गुलाम भी होता है इंसान