सुनो तुम मेरी वो आदत हो जिसे मैं चाह कर भी नहीं छोड़ सकता

तुम थे तुम हो तुम ही रहोगे कुछ इस तरह मोहब्बत है तुमसे

एक तेरी तमन्ना ने कुछ ऐसा नवाज़ा है माँगी ही नहीं जाती अब कोई और दुआ हमसे

इश्क है या इबादत अब कुछ समझ नही आटा एक खूबसूरत ख्याल हो तूम जो दिल से नही जाता

मेरी आँखों को तेरी आदत है तू ना दिखे तो इन्हें शिकायत है