कुछ ज्यादा नहीं जानता मोहब्बत के बारे में, बस उन्हे देख कर दिल की तलाश खतम हो जाती है।
बेचेन से हो जाते हैं वो मुझे अपने करीब ना पाकर, फिर झूठ बोले हैं की उन्हे आदत नहीं मेरी।
गजब की मोहब्बत है हम दोनो की, साथ रहने की उम्मीद बिलकुल नहीं फिर भी प्यार बेसुमार है।
इन खामोश रहो में मुझे तुम्हारा साथ चाहिए, तन्हा है दिल, हाथो में तेरा हाथ चाहिए।
हम आप से नराज क्यों होते हैं बार बार, इस उम्मीद से की आप मन लेंगे हर बार!
तू हकीकत-ए-इश्क है या कोई फरेब, ज़िन्दगी में आती नहीं ख़्वाबों से जाती नहीं।
अगर इश्क करो तो आदाब-ए-वफ़ा भी सीखो,
ये चंद दिन की बेकरारी मोहब्बत नहीं होती