अब ज़रा संभल के बात करना मुझसे, क्योंकि जो में था मै रहा नहीं और जो मैं हूँ वो तुम्हे पता नहीं
किसी से जलना हमारी आदत नहीं हम खुद की काबिलियत से लोगो को जलाते है
उनकी तो क्या इज्जत करना जिनकी हरकत ही कुत्तो जैसी हो
समझा दो उन समझदारो को की बदमाश की गली मै आज भी दहशत हमारे नाम की ही है
अगर भौकने से दम दिखाया ज़ाता तो आज कुत्ते भी शेर होते