जब तक जीना तब तक सीखना है, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं

गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख, जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है

जिंदगी रही तो सिर्फ याद तुम्हे ही करेंगे, जिस दिन याद न करें तो समझना हम मर गये

कोई तड़पता रहा हमें पाने के लिए, तो कोई पाकर भी औरों को खोजता रहा

हर बात मानी है तेरी सिर झुका कर ऐ ज़िंदगी, हिसाब बराबर कर तू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी