एक दिन वर्षों का संघर्ष, बहुत खूबसूरत तरीके से तुमसे टकराएगा
जो तुफानों में पलते जा रहे हैं, वहीं दुनिया बदलते जा रहे है- जिगर मुरादाबादी
ज़िंदगी का सफ़र मानो तो मौज है वरना समस्या तो रोज है
तरक्कियों की दौड़ में उसी का जोर चल गया, बना के रास्ता जो भीड़ से निकल गया
कुछ ज्यादा ख़्वाहिशें नहीं ए-ज़िंदगी तुझसे, बस मेरा अगला कदम पिछले से बेहतरीन हो