बड़ी साजिश हुई होगी तुम्हें हमसे दूर करने के लिए,
मलाल इस बात का है कि तुम भी उनकी बातों में आ ग
किरदार में मेरे भले ही अदाकारी नहीं है,
खुद्दारी है, गुरूर है, पर मक्कारी नहीं है
दिल चाहे कितना भी तकलीफ में हो,
तकलीफ देने वाला दिल में ही रहता है
पल पल बदलते रिश्तों के साए देखे है,
क्या तुमने अपनो से बहतर पराए देखे है
किसी के पास यकीन का इक्का हो तो बताना,
हमारे तो सारे भरोसे के पत्ते जोकर निकले
तुम्हारे बाद फिर कहां किसी की हसरत होगी,
खामखा उम्र भर मोहब्बत से नफरत होगी
मंजिल मिलने पर सुनाएंगे सफर की दास्तान,
क्या-क्या छिन गया हमसे यहां तक पहुंचते पहुंचते