विजय दिवस 2025 : हर साल 16 दिसंबर को भारत विजय दिवस (Vijay Diwas) मनाता है। यह दिन 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना की ऐतिहासिक जीत की याद दिलाता है। मात्र 13 दिनों में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया। लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया। इससे पूर्वी पाकिस्तान मुक्त हुआ और दुनिया के नक्शे पर एक नए देश बांग्लादेश का उदय हुआ। यह युद्ध न केवल सैन्य विजय था, बल्कि मानवीयता और न्याय की जीत भी था। आइए जानते हैं इस गौरवशाली इतिहास की पूरी कहानी।
1971 युद्ध की जड़ें: भाषा से लेकर नरसंहार तक
1947 के विभाजन के बाद पाकिस्तान दो हिस्सों में बंटा – पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान। पूर्वी पाकिस्तान में बंगाली भाषा बोलने वाली बहुसंख्यक आबादी थी, लेकिन पश्चिमी पाकिस्तान के शासक उर्दू को थोपते रहे। 1952 में बंगला भाषा आंदोलन शुरू हुआ। 1970 के चुनाव में शेख मुजीबुर रहमान की अवामी लीग ने भारी बहुमत हासिल किया, लेकिन पाकिस्तान ने सत्ता सौंपने से इनकार कर दिया।

25 मार्च 1971 को पाकिस्तानी सेना ने ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू किया। इसमें निर्दोष बंगालियों पर क्रूर अत्याचार हुए। लाखों लोग मारे गए और करोड़ों शरणार्थी भारत आए। भारत ने मुक्ति वाहिनी को समर्थन दिया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उठाया और मानवीय आधार पर हस्तक्षेप किया।
13 दिनों का युद्ध: भारतीय सेना का मास्टरस्ट्रोक
3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारतीय ठिकानों पर हमला किया। भारत ने 4 दिसंबर को युद्ध की औपचारिक घोषणा की। भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने मुक्ति वाहिनी के साथ मिलकर पाकिस्तानी फौज को चारों तरफ से घेर लिया। फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के नेतृत्व में रणनीति इतनी मजबूत थी कि युद्ध मात्र 13 दिनों में खत्म हो गया।
- पूर्वी मोर्चे पर भारतीय सेना ने तेजी से आगे बढ़कर ढाका को घेर लिया। पाकिस्तानी कमांडर
- लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी के पास कोई रास्ता नहीं बचा। 16 दिसंबर 1971 को ढाका के
- रामना रेसकोर्स में नियाजी ने भारतीय कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने
- आत्मसमर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। इस युद्ध में 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों और
- नागरिकों ने सरेंडर किया – यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा सैन्य समर्पण था।
बांग्लादेश का जन्म और भारत की भूमिका
- इस विजय से पूर्वी पाकिस्तान स्वतंत्र हुआ और बांग्लादेश बना। शेख मुजीबुर रहमान
- बांग्लादेश के संस्थापक बने। भारत ने युद्धबंदियों को रिहा कर मानवीयता दिखाई।
- 1974 में पाकिस्तान ने औपचारिक रूप से बांग्लादेश को मान्यता दी।
- यह युद्ध दक्षिण एशिया की भू-राजनीति बदल गया और भारत की क्षेत्रीय शक्ति को स्थापित किया।
भारत के लगभग 3,900 सैनिक शहीद हुए और हजारों घायल। उनके बलिदान ने न केवल बांग्लादेश को आजादी दिलाई, बल्कि पाकिस्तान के दो-राष्ट्र सिद्धांत को भी ध्वस्त कर दिया।
विजय दिवस 2025: श्रद्धांजलि और प्रेरणा
- 2025 में विजय दिवस पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं।
- कोलकाता के फोर्ट विलियम में मुख्य समारोह होता है। भारतीय सेना की ईस्टर्न
- कमांड विजय रैली और अन्य कार्यक्रम आयोजित करती है।
- बांग्लादेश में इसे बिजॉय दिबोस के रूप में मनाया जाता है।
- यह दिन हमें सिखाता है कि साहस, रणनीति और न्याय से बड़ी से बड़ी ताकत को हराया जा सकता है।
- भारतीय सेना का शौर्य आज भी युवाओं को प्रेरित करता है।
विजय दिवस भारतीय इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। 1971 भारत-पाक युद्ध, बांग्लादेश मुक्ति संग्राम, 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों का सरेंडर और भारतीय सेना की विजय की यह गाथा हर भारतीय को गर्व से भर देती है।












