राजनीति की तेजी लालू यादव ने नीतीश कुमार के लिए हमेशा खुले दरवाज़े को क्यों बंद किया? जानिए बिहार की राजनीति में इस बदलाव के पीछे की वजहें, तेजस्वी यादव के कड़े रुख का असर और नीतीश-लालू के बीच खींचतान की पूरी कहानी।
राजनीति की तेजी लालू यादव का नरम से सख्त रवैया: क्या बदला नीतीश कुमार के प्रति?
#राजनीति की तेजी में लालू यादव का नरम से सख्त रवैया नीतीश कुमार के प्रति बदलाव की बड़ी वजह है। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद जब नीतीश कुमार ने महागठबंधन छोड़कर NDA का साथ लिया, तब लालू यादव ने नरम रुख अपनाए रखा। लेकिन तेजस्वी यादव के कड़े रुख और नीतीश कुमार की दो बार किए पाला बदलने से राजद के अंदर नीति में सख्ती आई। इसलिए लालू यादव ने अब नीतीश कुमार के लिए पहले जैसा खुला दरवाजा बंद कर दिया है

दरवाजा खुला रखने का पुराना रुख
लालू यादव ने दशकों तक नीतीश कुमार के लिए हमेशा अपने दरवाजे खुला रखा था, ताकि आवश्यकता पड़ने पर गठबंधन संभव हो। यह नरम रवैया बिहार की राजनीति में उनके सहयोग को दर्शाता था।
2024 लोकसभा चुनाव का प्रभाव
नीतीश कुमार जब महागठबंधन छोड़कर NDA में शामिल हुए, तब लालू यादव नरम रुख अपनाए रहे, पर अंदर से चिंता बढ़ने लगी। इस राजनीतिक परिवर्तन ने रिश्तों में दरार डाली।
तेजस्वी यादव का कड़ा रुख
लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के प्रति कड़ा रुख अपनाया और साफ कर दिया कि उनके लिए दरवाजा बंद हो चुका है, जिससे लालू का रुख भी प्रभावित हुआ।
दो बार बदलाव का असर
नीतीश कुमार ने दो बार महागठबंधन छोड़ा, जिससे राजद के अंदर भरोसा कम हुआ। यह पाला बदलना लालू यादव के नरम रवैये में सख्ती लेने का बड़ा कारण बना।
राजनीतिक मजबूरियां
बिहार की वर्तमान राजनीतिक स्थिति और आगामी चुनावों को देखते हुए लालू यादव ने मजबूरी में नीतीश के लिए दरवाजा बंद किया, ताकि पार्टी की रणनीति स्पष्ट रहे।
माफी और विश्वास की चुनौती
लालू यादव ने कहा था कि माफी संभव है, लेकिन दो बार गलती को माफ करना मुश्किल है।
नीतीश कुमार के साथ विश्वास की समस्या ने दूरी बढ़ाई।
परिवार के दबाव का प्रभाव
राजद के निर्णयों पर परिवार के सदस्यों का प्रभाव साफ दिखता है,
जहां तेजस्वी यादव के सुझावों को ज्यादा तवज्जो मिलती है,
जो नीतीश के प्रति सख्ती की वजह है।
राजनीतिक इतिहास की जटिलता
लालू-नीतीश के बीच तीन दशकों की दोस्ती और दुश्मनी की लंबी कहानी रही है,
जो राजनीतिक तुष्टिकरण और निजी रिश्तों के आधार पर बदलती रही।
प्रधानमंत्री के साथ नीतीश का संबंध
नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बढ़ते रिश्ते ने लालू यादव
के फैसले को प्रभावित किया,
जो अब नई राजनीतिक वास्तविकताओं को स्वीकार कर रहे हैं।
भविष्य की राजनीतिक संभावनाएं
हालांकि वर्तमान में लालू यादव ने नीतीश कुमार के लिए दरवाजा बंद किया है,
बिहार की राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता,
भविष्य में नई रणनीतियों और गठबंधनों की उम्मीद बनी रहती है।
निष्कर्ष
लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच राजनीतिक रिश्तों में आए बदलाव ने बिहार की राजनीति को नया मोड़ दिया है। पहले लालू यादव ने नीतीश कुमार के लिए हमेशा दरवाजा खुला रखा था, लेकिन अब उन्होंने पूरी तरह से यह दरवाजा बंद कर दिया है। इसका मुख्य कारण नीतीश कुमार का दो बार महागठबंधन छोड़कर NDA का साथ लेना और तेजस्वी यादव का कड़ा रुख है। लालू यादव ने इस बदलाव को स्वीकार करते हुए बताया कि अब वे नीतीश कुमार के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। यह राजनीतिक दूरी बिहार की सियासी स्थिति और आगामी चुनावों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, जो भविष्य में भी कई राजनीतिक घटनाओं को प्रभावित करेगी।
- Aaj Ka Rashifal 2025 आदित्य योग देगा शुभ परिणाम!
- Netflix–Warner Bros की 83 बिलियन डॉलर डील पर ट्रंप भड़के, बोले—“इससे बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है”
- Dhanu Se Meen Rashifal 8 December 2025 बड़े फैसले होंगे भाग्य का साथ मिलेगा!
- Love Weekly Horoscope 8 से 14 दिसंबर तक प्रेम जीवन में बड़े बदलाव!
- Parliament LIVE: आज लोकसभा में ‘वंदे मातरम’ की गूंज, सरकार की रणनीति के साथ PM मोदी की एंट्री










