मकर संक्रांति :के लिए विशेष रंगोली!
January 3, 2025 2025-01-03 6:44मकर संक्रांति :के लिए विशेष रंगोली!
मकर संक्रांति :के लिए विशेष रंगोली!
मकर संक्रांति : के अवसर पर विशेष रंगोली डिजाइन से घर को सजाने के लिए विभिन्न रंगों
और प्रतीकों का उपयोग किया जाता है। इस दिन की रंगोली में ताजे रंग, सूरज, पतंग
और की आकृतियाँ प्रमुख होती हैं।
रंग-बिरंगे फूलों, चावल, और हल्दी का उपयोग कर सुंदर और शुभ
रंगोली बनाई जाती है। यह रंगोली न केवल घर की सुंदरता बढ़ाती है
बल्कि इस पवित्र पर्व की खुशी और समृद्धि को भी प्रदर्शित करती है।
के पर्व पर, सूर्य देव के उत्तरायण होने की खुशी मनाई जाती है।
यह दिन नया आरंभ, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक होता है।
लोग इस दिन तिल, गुड़ और पतंग उड़ाने की परंपरा निभाते हैं।
का पर्व खासतौर पर उत्तर भारत और महाराष्ट्र में
धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं हैं
जिनके अनुसार इस दिन का सूर्य के राशि में
प्रवेश करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

















मकर संक्रांति :के लिए विशेष रंगोली!












भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है। (संक्रान्ति)
पूरे भारत और नेपाल में भिन्न रूपों में मनाया जाता है। पौष मास में जिस दिन सूर्य
राशि में प्रवेश करता है उस दिन इस पर्व को मनाया जाता है।
वर्तमान शताब्दी में यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है,
इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। तमिलनाडु में
इसे पोंगल नामक उत्सव के रूप में जाना जाता हैं
जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल ही कहते हैं।
बिहार के कुछ जिलों में यह पर्व ‘तिला संक्रांत’ नाम से भी प्रसिद्ध है।
मकर संक्रान्ति पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहते हैं।
14 जनवरी के बाद से सूर्य उत्तर दिशा की ओर अग्रसर (जाता हुआ) होता है।
इसी कारण इस पर्व को ‘उतरायण’ (सूर्य उत्तर की ओर) भी कहते है।
वैज्ञानिक तौर पर इसका मुख्य कारण पृथ्वी का निरंतर 6 महीनों के समय
अवधि के उपरांत उत्तर से दक्षिण की ओर वलन कर लेना होता है। और यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।