Shailputri Mata: जानिए इस देवी के पूजा का महत्व और संपूर्ण पूजा विधि
April 2, 2025 2025-04-02 6:08Shailputri Mata: जानिए इस देवी के पूजा का महत्व और संपूर्ण पूजा विधि
Shailputri Mata: जानिए इस देवी के पूजा का महत्व और संपूर्ण पूजा विधि
Shailputri Mata: शैलपुत्री माता, माँ दुर्गा के नौ रूपों में से पहले रूप के रूप में जानी जाती हैं।
इनका पूजा विशेष रूप से नवरात्रि में किया जाता है, जो विशेष रूप से भक्तों के लिए आशीर्वाद और शक्ति प्राप्ति का समय होता है।
शैलपुत्री का नाम “शैल” (पहाड़) और “पुत्री” (बेटी) से लिया गया है, अर्थात वह माता जो पहाड़ की बेटी हैं।
#शैलपुत्री की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि, शक्ति और संतुलन की प्राप्ति होती है।

शैलपुत्री माता का महत्व
Shailputri Mata का महत्व हिंदू धर्म में अत्यधिक है, क्योंकि इनकी पूजा से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक शक्ति मिलती है।
#शैलपुत्री का रूप देवी पार्वती के रूप में है, जो भगवान शिव की पत्नी हैं। इन्हें “हिमालय की बेटी” भी कहा जाता है,
क्योंकि इनका जन्म हिमालय पर्वत पर हुआ था। शैलपुत्री की पूजा से भक्तों को न केवल शारीरिक शक्ति मिलती है, बल्कि मानसिक शांति और सुख-शांति की भी प्राप्ति होती है।
इनकी पूजा से यह संकेत मिलता है कि जीवन में संतुलन बनाए रखना और दृढ़ संकल्प के साथ हर कठिनाई का सामना करना चाहिए।
#शैलपुत्री के दर्शन से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है, और वह सभी बाधाओं को पार कर सकता है।
शैलपुत्री माता की पूजा विधि
#शैलपुत्री माता की पूजा सरल और प्रभावशाली होती है। नवरात्रि के पहले दिन, शैलपुत्री की पूजा भक्त विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ करते हैं।
पूजा विधि
स्नान और शुद्धता: पूजा के लिए सबसे पहले श्रद्धालु प्रातःकाल उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनकर पूजा की तैयारी करें।
माँ का चित्र या मूर्ति स्थापित करें: शैलपुत्री माता की पूजा के लिए उनका चित्र या मूर्ति स्थापित की जाती है। उनकी मूर्ति आमतौर पर एक बैल की सवारी करती हुई और हाथ में त्रिशूल और कमल लिए होती है।
फूलों और दीपक से पूजा: पूजा स्थल को सजाने के लिए ताजे फूल, दीपक, अगरबत्तियाँ और अन्य पूजा सामग्री जैसे चावल, अक्षत, हल्दी, और कुमकुम का उपयोग करें।
मंत्र का जाप करें: शैलपुत्री माता के विशेष मंत्र का जाप किया जाता है। एक प्रमुख मंत्र है:
“ॐ शैलपुत्रि देवी नमः”
प्रसाद अर्पित करें: पूजा के बाद प्रसाद के रूप में विशेष रूप से फल और मिठाइयाँ अर्पित की जाती हैं।
कथा सुनें या पढ़ें: शैलपुत्री माता की कथा सुनने से आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
भक्तगण माता के बारे में कथाएँ सुनकर अपने जीवन में शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।
पूजा सामग्री
- शैलपुत्री माता की मूर्ति या चित्र
- दीपक और घी
- फूल और ताजे पत्ते
- हल्दी, चावल, कुमकुम
- फल, मिठाई और नारियल
शैलपुत्री माता के लाभ
शैलपुत्री माता की पूजा के कई लाभ हैं। इस पूजा से न केवल भक्तों की आध्यात्मिक उन्नति होती है,
बल्कि शारीरिक और मानसिक शक्ति भी प्राप्त होती है।
शारीरिक शक्ति की प्राप्ति: शैलपुत्री माता का आशीर्वाद शारीरिक ताकत और ऊर्जा को बढ़ाता है।
इससे व्यक्तित्व में भी मजबूती आती है।
मन की शांति: इनकी पूजा से मानसिक शांति मिलती है।
यह मानसिक तनाव और चिंताओं को दूर करने में मदद करती है।
सुख-समृद्धि: शैलपुत्री की पूजा से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
यह जीवन में सभी प्रकार के दुखों को दूर करती है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार: पूजा के दौरान सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है,
जो व्यक्ति को जीवन की समस्याओं से निपटने में मदद करता है।
संतुलन और धैर्य: शैलपुत्री माता की पूजा से जीवन में संतुलन और धैर्य की प्राप्ति होती है।
यह कठिन समय में भी शांति बनाए रखने की शक्ति देती है।
शैलपुत्री माता से जुड़ी कथाएँ
शैलपुत्री माता से जुड़ी कई प्रसिद्ध कथाएँ हैं।
एक कथा के अनुसार, माँ पार्वती ने अपनी आत्मा को शुद्ध करने और भगवान शिव के साथ विवाह के लिए कठोर तपस्या की थी।
इसी तपस्या के फलस्वरूप माँ शैलपुत्री के रूप में प्रकट हुईं और फिर उनका विवाह भगवान शिव से हुआ।
इस रूप में माँ ने दैवीय शक्तियों को प्राप्त किया और संसार के कष्टों का निवारण करने के लिए अपने भक्तों की रक्षा की।
माँ शैलपुत्री की पूजा से संबंधित एक अन्य कथा यह है कि माँ ने हिमालय पर्वत पर तपस्या की थी,
जिसके परिणामस्वरूप उन्हें “शैलपुत्री” नाम प्राप्त हुआ।
इस रूप में उनकी पूजा से व्यक्ति को न केवल शारीरिक शक्ति मिलती है,
बल्कि मानसिक शक्तियों का भी वर्धन होता है।
निष्कर्ष
शैलपुत्री माता की पूजा शक्ति, संतुलन, और समृद्धि की प्राप्ति का मार्ग है।
नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री माता की पूजा से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक शक्ति मिलती है।
यह पूजा हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती है और हमें कठिनाइयों से उबरने की शक्ति प्रदान करती है।
शैलपुत्री माता की उपासना से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।