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सफला एकादशी व्रत 2025 पूजा विधि, पारण मुहूर्त, धार्मिक महत्व और सभी जरूरी जानकारी हिंदी में!

On: December 15, 2025 6:08 AM
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सफला एकादशी व्रत 2025

सफला एकादशी व्रत 2025 : सफला एकादशी व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पौष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है और इसे भगवान विष्णु को समर्पित सबसे पवित्र व्रतों में से एक माना जाता है। इस व्रत को करने से भक्तों को सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 2025 में सफला एकादशी का व्रत 15 दिसंबर को रखा जाएगा और इसका पारण 16 दिसंबर को विशेष मुहूर्त में किया जाएगा।

सफला एकादशी का धार्मिक महत्व

#सफला एकादशी व्रत का परम धार्मिक महत्व है क्योंकि यह भगवान विष्णु को बेहद प्रिय व्रत है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा-अर्चना करने से मनोकामना पूरी होती है और जीवन में समृद्धि आती है। व्रत के दौरान तुलसी माता की पूजा हिंदी धर्म में बहुत पारंपरिक है, जिसे शाम के समय विशेष रूप से वस्त्र और सुहाग-सामान अर्पित करके दीपक जलाना चाहिए। यह व्रत शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का एक मार्ग माना जाता है।

सफला एकादशी व्रत 2025
सफला एकादशी व्रत 2025

व्रत का समय और पूजा विधि

#सफला एकादशी व्रत 15 दिसंबर 2025 को दिन भर कायम रहेगा। शाम 6:49 बजे से शुरू होकर अगले दिन रात 9:19 बजे तक इसका समय रहेगा। इस व्रत के दौरान उपवास करना और भगवान विष्णु की साधना अत्यंत शुभ माना जाता है। प्रातःकाल स्नानादि से मन और शरीर की शुद्धि करें। तुलसी के पौधे को विशेष पूजा करें और नव वस्त्र अर्पित करें। ब्राह्मणों को दान देना और दया का सत्कार करना भी इस दिन पुण्य का कारण होता है। उपवास रखने वाले भक्त इस दिन तामसिक आहार से परहेज करते हैं।

सफला एकादशी का पारण मुहूर्त

सफला एकादशी का पारण 16 दिसंबर 2025 को सुबह 7:07 से 9:11 तक के बीच किया जाएगा। यह समय अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि इस वक्त सूर्य का गोचर हो रहा है और खरमास भी प्रारंभ हो जाता है। पारण के दौरान स्नान करके शुद्ध मन से भगवान विष्णु की पूजा करें और भोग लगाकर व्रत का पारण करें। ब्राह्मणों को दक्षिणा देने के साथ-साथ दान करना चाहिए। पारण के बाद भी संयमित आहार लें और पूरे दिन शुद्धता का पालन करें।

ग्रहों का प्रभाव और योग

इस दिन सूर्य, बुध और शुक्र ग्रह वृश्चिक राशि में स्थित हैं। इसके साथ ही बुधादित्य और शोभन योग भी बन रहा है, जो व्रत के प्रभाव को और बढ़ाता है। ग्रहों की इस व्यवस्था से मेष और वृश्चिक राशि के जातकों को विशेष लाभ होता है। इस दिन व्रत करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और ग्रहों के वज्र प्रभाव से नकारात्मकता दूर होती है।

सफला एकादशी से मिलने वाले लाभ

#सफला एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि उसकी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। यह व्रत पापों के नाश और मोक्ष की प्राप्ति का माध्यम माना जाता है। परिवार में सुख-शांति और आर्थिक समृद्धि आती है। तुलसी माता की पूजा इस व्रत के पुण्य को दोगुना कर देती है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति इस व्रत का पालन श्रद्धा से करता है उसे भगवान विष्णु अपना विशेष आशीर्वाद देते हैं।

सफला एकादशी व्रत पालन के नियम

  • व्रत के दिन सुबह सवेरे स्नान अवश्य करें।
  • तुलसी के पौधे को वस्त्र अर्पित करें और उसकी पूजा करें।
  • दिन में व्रत के नियमों का कड़ाई से पालन करें, जैसे तामसिक भोजन न करना।
  • शाम को भगवान विष्णु की पूजा और भक्ति करें।
  • पारण के समय स्नान कर के पूजा करें और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें।
  • पूरे दिन मन, वचन, और कर्म से शुद्ध रहें।

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