संजय पासी : साधारण परिवार से लेकर 2,690 करोड़ के बिजनेस साम्राज्य तक-सादगी मेहनत और नेतृत्व की प्रेरक कहानी!
May 16, 2025 2025-05-16 3:00संजय पासी : साधारण परिवार से लेकर 2,690 करोड़ के बिजनेस साम्राज्य तक-सादगी मेहनत और नेतृत्व की प्रेरक कहानी!
संजय पासी : साधारण परिवार से लेकर 2,690 करोड़ के बिजनेस साम्राज्य तक-सादगी मेहनत और नेतृत्व की प्रेरक कहानी!
संजय पासी : का नाम आज उत्तर भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग में एक मिसाल है। दिल्ली के प्रतिष्ठित हंसराज कॉलेज से बी.कॉम (ऑनर्स) की डिग्री लेने के बाद, उन्होंने 1989 में अपने पिता के टाटा मोटर्स डीलरशिप का जिम्मा संभाला। उस समय शायद ही किसी ने सोचा होगा कि संजय पासी की मेहनत और दूरदर्शिता से यह कारोबार एक दिन 2,690 करोड़ रुपये के टर्नओवर तक पहुंचेगा178।
सादगी और मेहनत की मिसाल

संजय पासी
संजय पासी हमेशा चकाचौंध से दूर रहते हैं। मीडिया से दूरी और सादगी उनकी पहचान है। उन्होंने अपने पिता के छोटे से व्यवसाय को न सिर्फ संभाला, बल्कि उसे कई गुना बढ़ाया। टाटा मोटर्स के साथ शुरुआत कर, उन्होंने मारुति सुजुकी और जेसीबी जैसी बड़ी कंपनियों की डीलरशिप भी अपने ग्रुप में शामिल की157। उनका मानना है कि सच्ची सफलता सादगी और कड़ी मेहनत से मिलती है।
नेतृत्व की नई परिभाषा
पास्को ग्रुप के चेयरमैन के तौर पर #संजय पासी ने अपने कर्मचारियों में भरोसा और प्रेरणा का माहौल बनाया। उनकी नेतृत्व क्षमता की वजह से कंपनी को 2020-21 में फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने भारत का नंबर-1 कमर्शियल व्हीकल डीलर घोषित किया48। उन्होंने व्यवसाय को पैसेंजर और कमर्शियल दोनों डोमेन में विस्तार दिया, जिससे पास्को ग्रुप आज उत्तर भारत का बड़ा नाम बन गया है।
व्यक्तिगत जीवन और समाज सेवा
#संजय पासी की पत्नी शालिनी पासी एक प्रसिद्ध आर्ट कलेक्टर और सोशलाइट हैं, जो नेटफ्लिक्स के शो ‘फैबुलस लाइव्स वर्सेज बॉलीवुड वाइव्स’ के तीसरे सीजन में नजर आईं358। उनका एक बेटा है, रॉबिन। संजय पासी भले ही लाइमलाइट से दूर रहते हैं, लेकिन समाज सेवा में वे हमेशा आगे रहते हैं। 2021 में उन्होंने तिरुपति बालाजी मंदिर में 10 करोड़ रुपये का दान दिया, जिससे उनकी समाज के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर होती है17।
प्रेरणा नए उद्यमियों के लिए
संजय पासी का जीवन उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सादगी, मेहनत और दूरदर्शिता से अपने
सपनों को साकार करना चाहते हैं। उन्होंने दिखाया कि अगर इरादे मजबूत हों
तो पारिवारिक व्यवसाय को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है।
उनकी सफलता की कहानी बताती है कि असली
लीडरशिप दिखावे में नहीं, बल्कि कर्म और मूल्यों में छुपी होती है।
संजय पासी की यात्रा बताती है कि सच्ची सफलता के लिए जुनून
ईमानदारी और समाज के प्रति जिम्मेदारी जरूरी है।
उनकी कहानी हर युवा को बड़ा सोचने और मेहनत करने की प्रेरणा देती है।