Sakleshpur: कर्नाटक का छुपा हुआ हिल स्टेशन, घूमने की पूरी गाइड, प्रमुख आकर्षण, यात्रा का सही समय और अनुभव
June 5, 2025 2025-06-05 3:51Sakleshpur: कर्नाटक का छुपा हुआ हिल स्टेशन, घूमने की पूरी गाइड, प्रमुख आकर्षण, यात्रा का सही समय और अनुभव
Sakleshpur: कर्नाटक का छुपा हुआ हिल स्टेशन, घूमने की पूरी गाइड, प्रमुख आकर्षण, यात्रा का सही समय और अनुभव
Sakleshpur: जानिए सकलेशपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल, घूमने का सही समय, कैसे पहुंचे, क्या करें और यहां की खासियतें। हरियाली, झरनों और कॉफी बागानों से भरपूर सकलेशपुर की यात्रा को बनाएं यादगार — पढ़ें यह हिंदी ब्लॉग!
Sakleshpur: प्रकृति, रोमांच और शांति का अद्भुत संगम

अगर आप भीड़-भाड़ से दूर, हरियाली और पहाड़ों के बीच कुछ सुकून भरे पल बिताना चाहते हैं, तो कर्नाटक का सकलेशपुर आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। यह छोटा-सा हिल स्टेशन बैंगलोर से करीब 220 किमी दूर, पश्चिमी घाट की तलहटी में बसा है और अपनी लुभावनी प्राकृतिक सुंदरता, कॉफी के बागानों, झरनों और ऐतिहासिक स्थलों के लिए मशहूर है
सकलेशपुर की खासियतें
- सकलेशपुर को “गरीबों की ऊटी” भी कहा जाता है, क्योंकि यहां की हरियाली, मौसम और पहाड़ियां किसी भी हिल स्टेशन को टक्कर देती हैं।
- यहां का वातावरण शांत, ताज़गी भरा और रोमांच से भरपूर है — जो ट्रैकिंग, नेचर वॉक और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए आदर्श है।
- इलायची, कॉफी और काली मिर्च के बागानों में घूमना, यहां की सबसे खास गतिविधियों में से है।
घूमने की बेहतरीन जगहें
मंजराबाद किला: टीपू सुल्तान द्वारा बनवाया गया यह आठ कोनों वाला
किला अपनी अनोखी बनावट और ऊंचाई से मिलने वाले शानदार नज़ारों के लिए प्रसिद्ध है।
मगजहल्ली (अब्बी) झरना: हरियाली के बीच गिरता यह झरना,
पिकनिक और फोटोग्राफी के लिए एकदम परफेक्ट है।
हडलू झरना: ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए यह झरना एक रोमांचक अनुभव देता है,
जहां तक पहुंचने के लिए कॉफी के खेतों से गुजरना पड़ता है।
बेट्टा बायरवेश्वर मंदिर: पहाड़ियों के बीच स्थित 600 साल पुराना यह मंदिर, शांति और प्राकृतिक सौंदर्य दोनों का अनुभव देता है।
शेट्टीहल्ली रोज़री चर्च: हेमावती नदी के किनारे स्थित यह चर्च मॉनसून में पानी में डूब जाता है, जो इसे और भी खास बनाता है।
सकलेश्वर मंदिर: हेमावती नदी के किनारे बसा यह प्राचीन शिव मंदिर, होयसला वास्तुकला का सुंदर उदाहरण है।
कैसे पहुंचे?
- सड़क मार्ग: बैंगलोर, मैंगलोर, हासन आदि शहरों से बस या टैक्सी से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- रेल मार्ग: सकलेशपुर रेलवे स्टेशन देश के कई बड़े शहरों से जुड़ा है।
- हवाई मार्ग: सबसे नजदीकी एयरपोर्ट मैंगलोर (लगभग 130 किमी) है।
कब जाएं?
सकलेशपुर घूमने का सबसे अच्छा समय मानसून के बाद (जुलाई से फरवरी) या सर्दियों में है,
जब मौसम सुहावना और हरियाली अपने चरम पर होती है।
क्या करें?
ट्रैकिंग, कैंपिंग, बर्ड वॉचिंग, झरनों में स्नान, कॉफी प्लांटेशन टूर,
और स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लेना यहां के मुख्य आकर्षण हैं।
Sakleshpur प्रकृति प्रेमियों, एडवेंचर के शौकीनों और शांति की
तलाश में निकले यात्रियों के लिए एक आदर्श जगह है।
यहां की हरियाली, पहाड़ियां, झरने और ऐतिहासिक स्थल आपको
एक यादगार अनुभव देंगे। अगली बार जब भी दक्षिण भारत में घूमने का मन हो,
सकलेशपुर को अपनी ट्रैवल लिस्ट में जरूर शामिल करें!