Rupee VS Dollar: पता चल गया गिरते रुपये को कैसे उठाएंगे नए RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा!
January 15, 2025 2025-01-15 8:31Rupee VS Dollar: पता चल गया गिरते रुपये को कैसे उठाएंगे नए RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा!
Rupee VS Dollar: पता चल गया गिरते रुपये को कैसे उठाएंगे नए RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा!
Rupee VS Dollar : डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट ने शेयर बाजार से लेकर आम आदमी तक पर असर डाला है.
केंद्रीय बैंक यानी RBI के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा का मानना है कि दूसरी करेंसी की तरह ही
भारतीय रुपये में उतार-चढ़ाव में दखल नहीं देना चाहिए!
हालांकि, अगर यह उचार-चढ़ाव बहुत तेज होती है
तो फॉरेन एक्चेंज मार्केट के जरिए इसमें दखल भी देना चाहिए. बिजनेस न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने
अपनी एक रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से यह बात कही है!

Rupee VS Dollar: पता चल गया गिरते रुपये को कैसे उठाएंगे नए RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा!
डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट ने शेयर बाजार से लेकर आम आदमी तक पर असर डाला है.
केंद्रीय बैंक यानी RBI के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा का मानना है कि दूसरी करेंसी की तरह ही भारतीय
रुपये में उतार-चढ़ाव में दखल नहीं देना चाहिए. हालांकि, अगर यह उचार-चढ़ाव बहुत तेज होती है
तो फॉरेन एक्चेंज मार्केट के जरिए इसमें दखल भी देना चाहिए. बिजनेस न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने
अपनी एक रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से यह बात कही है.
सजंय मल्होत्रा ने दिसंबर महीने में ही RBI गवर्नर के तौर पर कार्यभार संभाला है.
नियुक्ति के बाद उन्होंने केंद्रीय बैंक के अलग-अलग विभागों के साथ कई बैठकें भी की हैं.
फरवरी में बजट के ठीक बाद RBI मोनेटरी पॉलिसी बैठक (RBI MPC) होनी है.
ब्लूमबर्ग की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नए गवर्नर ने RBI के करेंसी में दखल देने
की प्रणाली में विशेष रुचि दिखाई है. जब उनकी टीम ने रुपये में हालिया गिरावट जारी
रहने की बात रखी तो उनकी ओर से कोई विरोध नहीं देखने को मिला. रिपोर्ट में कहा गया
कि RBI रुपये के लिए एक तय लक्ष्य को नहीं साधने की कोशिश कर रहा है,
बल्कि समय-समय पर तेज उतार-चढ़ाव को काबू में करने के लिए दखल देने की राय रखता है.
अगर स्थिति बनती है तो नए आरबीआई गवर्नर को एक दिन के पहले क्लोजिंग भाव के मुकाबले
रुपये में बड़े अंतर को बनाए रखने पर कोई आपत्ति नहीं है. हालांकि, जिन लोगों
का इस रिपोर्ट में जिक्र किया गया है, उनकी ओर से और जानकारी सामने नहीं आई है!
भारत के पास था दुनिया का चौथा सबसे बड़ा फॉरेक्स रिजर्व
संजय मल्होत्रा के पहले RBI गवर्नर शक्तिकांत दास के कार्यकाल में रुपये पर कड़े लगाम लगते दिखे.
शक्तिकांत दास के 6 साल के कार्यकाल के दौरान दूसरे उभरते बाजारों के मुकाबले रुपये में सबसे कम वोलेटिलिटी रही.
हालांकि, हॉन्ग कॉन्ग डॉलर ही इकलौते उभरते बाजार का करेंसी रहा, जिसमें रुपये के मुकाबले कम
उतार-चढ़ाव दिखा. दास के कार्यकाल के दौरान RBI ने 700 अरब डॉलर का फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व खड़ा किया था,
जोकि दुनिया का चौथा सबसे बड़ा फॉरेक्स रिजर्व था. बड़े फॉरेक्स रिजर्व की मदद से करेंसी में बड़ी गिरावट को टालने में मदद मिलती है.
रुपये में दो साल में सबसे बड़ी एक दिन की गिरावट
शक्तिकांत दास के RBI गवर्नर पद से उतरने के बाद डॉलर के मुकाबले रुपया 2% तक फिसल चुका है.
रुपये में एक महीने की वोलेटिलिटी पिछले 1 साल में सबसे ऊपर पहुंच चुकी है. सोमवार को रुपये
में बीते 2 साल की सबसे बड़ी गिरावट दिखी, जिसके बाद प्रति डॉलर यह 86 के नीचे बंद हुआ.
अमेरिकी डॉलर में मजबूती और रूस के कच्चे तेल सप्लाई पर अमेरिका के ताजा प्रतिबंधों
के चलते रुपये में सोमवार को इतनी बड़ी कमजोरी देखने को मिली.
पिछले साल एशियाई करेंसी के मुकाबले रुपया सबसे बेहतरीन प्रदर्शन वाली करेंसी था.
इस दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 2.8% ही फिसला था. रुपये पर RBI की पकड़ के
चलते रियल एक्सचेंज रेट (महंगाई के असर को शामिल करते हुए) दूसरी करेंसी के मुकाबले रिकॉर्ड स्तर पर था.
नवंबर में करीब 40-देशों के इस ट्रेड वेटेज गेज में रुपया 108.14 के साथ सबसे ऊपर था. ये करीब 8% का ओवरवैल्युएशन है,
फिलहाल, RBI रियल एक्सचेंज रेट पर नजर बनाए हुए रखी है.
रुपये में कमजोरी से इस ओवरवैल्युएशन में कुछ कमी देखने को मिलेगी!