Nitish Kumar Bihar Election 2025 नीतीश कुमार ने वोट गिनती से पहले नेहरू को याद किया, चुनाव को लेकर अपनी रणनीति और जनता की उम्मीदों पर बात की। जानें उनका यह बयान क्या संदर्भ रखता है।
Nitish Kumar Bihar Election 2025 चुनाव को बाजार और शहंशाह का खेल बताया
नीतीश कुमार ने बिहार चुनाव 2025 के दौरान चुनाव को एक “बाजार” और “शहंशाह का खेल” बताया था, जिसका मतलब था कि चुनाव एक सट्टा बाजार या किसी एक व्यक्ति के अधीन खेलने वाला खेल नहीं है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि चुनाव में जनता ही असली निर्णायक होती है, न कि एग्जिट पोल्स या किसी राजनीतिक सट्टा बाजार के आंकड़े। नीतीश कुमार ने कहा कि चुनाव परिणाम जनता की पसंद और लोकतंत्र की ताकत को दर्शाते हैं।
नीतीश कुमार ने किया नेहरू को याद

वोट गिनती से पहले नीतीश कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को याद करते हुए उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने लोकतंत्र की महत्ता पर जोर दिया और कहा कि चुनाव एक बाजार या शहंशाह का खेल नहीं, बल्कि जनता का फैसला होता है।
चुनाव को लेकर नीतीश कुमार की सोच
नीतीश कुमार ने चुनाव को राजनीतिक बाज़ार की तरह नहीं देखा, उन्होंने कहा कि उन्हें एग्जिट पोल्स पर विश्वास नहीं है और चुनाव परिणाम जनता की असली आवाज को दर्शाएगा। उनके अनुसार, राजनीतिक विवाद और गुस्से के बीच भी बदलाव की उम्मीद है।
एग्जिट पोल्स पर संदेह और जनता का विश्वास
नीतीश कुमार ने एग्जिट पोल्स को चुनाव का सही आकलन नहीं माना। उन्होंने जनता के निर्णय पर भरोसा जताया और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन को बदलाव की संभावना बताई।
महिलाओं और युवाओं का महागठबंधन को समर्थन
नीतीश कुमार ने कहा कि इस चुनाव में महिलाओं और युवाओं ने महागठबंधन को
विशेष रूप से समर्थन दिया है, जो भविष्य की राजनीति के लिए मायने रखता है।
यह बदलाव बिहार की राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करेगा।
चुनाव के बाद की भूमिका और रणनीति
नीतीश कुमार ने कहा कि चुनाव के बाद सब स्पष्ट हो जाएगा और बिहार के
विकास की नई राह खुलेगी। उन्होंने भाजपा द्वारा अपनाई गई चुनावी रणनीतियों की
आलोचना की, पर विश्वास जताया कि जनता अंततः सही फैसला करेगी।
बिहार में राजनीतिक समीकरण और बदलाव की संभावना
नीतीश कुमार के बयान से यह संकेत मिलता है कि बिहार की राजनीति में
बदलाव आ सकता है, खासकर तेजस्वी यादव की अगुआई में। उन्होंने उम्मीद
जताई कि जनता धीरे-धीरे बदलाव की ओर बढ़ रही है।
नेहरू के लोकतांत्रिक सिद्धांत और आधुनिक राजनीति में प्रासंगिकता
नीतीश कुमार ने नेहरू के विचारों को याद करते हुए लोकतंत्र में
जनता के निर्णय को सर्वोपरि बताया। उनका यह बयान आधुनिक
चुनावी लड़ाई में लोकतंत्र की महत्ता पर प्रकाश डालता है।












