मुंबई बंधक कांड रोहित आर्या मौत : मुंबई के पवई इलाके में एक भयावह बंधक कांड सामने आया जिसमें रोहित आर्या नामक व्यक्ति ने 17 बच्चों को एक स्टूडियो में बंधक बना लिया। यह घटना 2025 के अक्टूबर महीने में घटी, जब बच्चों को वेब सीरीज के लिए ऑडिशन का झांसा देकर वहां बुलाया गया था। रोहित आर्या ने बच्चों को बंधक बना कर लगभग तीन घंटे तक कब्जे में रखा और उस दौरान पुलिस के सामने कई बार चुनौती दी। अंततः, पुलिस की क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) ने बहादुरी दिखाते हुए एक ऑपरेशन कर सभी बच्चों को सुरक्षित छुड़ा लिया, और इसी दौरान रोहित आर्या को गोली लगी जिससे उसकी मौत हो गई.
बंधक बनाने की घटना का विवरण
रोहित आर्या ने मुंबई के महावीर क्लासिक बिल्डिंग के RA स्टूडियो में बच्चों सहित कुल 19 लोगों को बंधक बनाया था। बच्चों की उम्र 10 से 12 वर्ष के बीच थी। उसने अपने पास एक एयरगन रखा था, जिसके साथ उसने कई खिड़कियों में सेंसर भी लगाये थे ताकि कोई अंदर घुसने या बचाने का प्रयास करता तो पता चल जाए। पुलिस को सूचना मिलने के बाद तुरंत ऑपरेशन शुरू किया गया। पुलिस के मुताबिक, रोहित आर्या ने वेब सीरीज के ऑडिशन का झांसा देकर बच्चों को एक जगह इकट्ठा किया था.

पुलिस की कार्रवाई और रोहित आर्या की मौत
- पुलिस ने पहले बहुत प्रयास किया कि स्थिति को वार्ता के जरिए शांत किया जाए, लेकिन बातचीत में कोई सफलता नहीं मिली।
- जब रोहित आर्या ने एक बच्चे को निशाना बनाने की कोशिश की, तब असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर अमोल वाघमारे ने
- समय रहते गोली चला कर आरोपी को घायल कर दिया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
- इस ऑपरेशन को ‘पीड़ा का अंत’, ‘बचाव का बहादुरी का परिचय’ कहा गया और अमोल
- वाघमारे को “हीरो ऑफ पवई” के रूप में सम्मानित किया गया.
रोहित आर्या के पीछे कारण
- रोहित आर्या एक 50 वर्षीय सामाजिक उद्यमी और परियोजना प्रबंधक था जिसने महाराष्ट्र सरकार और शिक्षा
- विभाग पर 2 करोड़ रुपये के बकाए का आरोप लगाया था। उसने अपने आपराधिक कदम को “निष्पक्षता मांगने”
- का जरिया बताया। उसने बाद में एक वीडियो में कहा कि वह कोई आतंकवादी नहीं है
- और उसकी मंशा बच्चों को नुकसान पहुंचाने की नहीं थी, बल्कि वह अपने हक की लड़ाई लड़ रहा था।
- यह दावा महाराष्ट्र स्कूल शिक्षा विभाग ने खारिज कर दिया। कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार
- रोहित मानसिक रूप से अस्थिर भी था और उसकी यह हरकत उसके मनोवैज्ञानिक दबाव का परिणाम हो सकती है.
सोशल मीडिया और लोगों की प्रतिक्रिया
- इस भयानक घटना ने सोशल मीडिया पर भी तहलका मचा दिया। लोगों ने इसे 2022 की फिल्म ‘A Thursday’
- से तुलना की, जिसमें एक महिला ने 16 बच्चों को बंधक बनाया था। इस घटना की व्यापक निंदा की गई
- और पुलिस के साहसिक बचाव प्रयास की प्रशंसा हुई। साथ ही लोगों ने समुचित मानसिक
- स्वास्थ्य समर्थन और सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता की मांग भी की.
मुंबई बंधक कांड में पुलिस की त्वरित और बहादुरीपूर्ण कार्रवाई से 17 बच्चों की जान बचाई गई। रोहित आर्या की मौत इस घटना का दुखद अंत थी, लेकिन इस घटना ने सामाजिक और सरकारी संस्थाओं के समक्ष ऐसी चुनौतियों का एक गंभीर सबक पेश किया कि कैसे मानसिक समस्या और वित्तीय तनाव व्यक्ति को असामान्य कदम उठाने पर मजबूर कर सकते हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर निगरानी, बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ानी होगी।







