विजय सिन्हा पर हमला : बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है जब उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के काफिले पर हमला हुआ, और इस मामले में महागठबंधन के नेता मुकेश सहनी ने तीखा पलटवार किया है। यह घटना बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान हुई है, जिसने राज्य की सियासी स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया है।
विजय सिन्हा पर हुआ हमला
लखीसराय में चुनाव प्रचार के दौरान उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के काफिले पर हमलावरों ने हमला किया। इस दौरान लोगों ने उनके काफिले पर चप्पलें फेंकी और नारेबाजी की। विजय सिन्हा ने इस हमले का आरोप आरजेडी समर्थकों पर लगाया, जिन्होंने उनके पोलिंग एजेंटों को बूथ तक जाने से रोकने की कोशिश की। सिन्हा ने इसे चुनावी हिंसा का हिस्सा बताया और ऐसे कार्यकर्ताओं की कड़ी निंदा की।

विजय सिन्हा की कड़ी प्रतिक्रिया
- इस हमले के बाद विजय सिन्हा ने दोषियों को छोड़ने का इरादा ना रखने की बात कही और साफ
- कहा कि यदि कानून व्यवस्था नहीं सुधरी तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो
- लोग इस तरह की हिंसा में शामिल हैं, उन्हें बुलडोजर से नहीं छोड़ा जाएगा।
- उनके इस बयान ने राजनीतिक गर्माहट को और बढ़ा दिया है।
मुकेश सहनी का पलटवार
- महागठबंधन के प्रमुख नेता मुकेश सहनी ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए
- कहा कि यह वही बिहार है जिसका विकास और व्यवस्था एनडीए सरकार ने किया है
- और अब वही सरकार अपने बनाए हुए माहौल का फल भुगत रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि
- राज्य में कानून-व्यवस्था का मामला गंभीर होता जा रहा है और जनता एनडीए सरकार से निराश हो रही है।
सहनी ने कहा कि बिहार में बदलाव की बड़ी लहर है और जनता महागठबंधन को समर्थन देना चाहती है क्योंकि वर्तमान सरकार विफल साबित हुई है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि एनडीए सत्ता में रहते हुए भी सुरक्षा व अन्य मुद्दों पर निगरानी नहीं रख पाई है, जिसके कारण ऐसे हमले हो रहे हैं।
चुनावी माहौल पर प्रभाव
- यह घटना बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान हुई, जो पहले से ही राजनीतिक रूप से संवेदनशील माहौल को दर्शाती है।
- दोनों पक्ष अपने-अपने वोटरों को मजबूत करने के लिए इस विवाद का राजनीतिकरण कर रहे हैं।
- एनडीए अपनी सख्त कानून-व्यवस्था की छवि बनाने और विपक्ष की हिंसा को उजागर करने में जुटी है
- जबकि महागठबंधन जनता के संघर्ष और बदलाव की गरज को रेखांकित कर रहा है।
बिहार की राजनीति में उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर हुए हमले और मुकेश सहनी के तीखे पलटवार ने चुनावी माहौल को और अधिक गरमाहट दी है। यह घटना राज्य की राजनीतिक संघर्ष की गहराई को दर्शाती है, जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। बिहार की जनता इस सियासी गतिरोध का असर चुनाव परिणामों में भी देखेगी, जिससे आगे की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं।












