Latvia population crisis 2025 : यूरोप के छोटे से देश लातविया (Latvia) में एक अजीबोगरीब संकट चल रहा है – वहां पुरुषों की भारी कमी हो गई है! आंकड़े बताते हैं कि हर 100 महिलाओं के पीछे सिर्फ 84-85 पुरुष बचे हैं। नतीजा? शादी की उम्र वाली हजारों महिलाएं अकेली रह गई हैं और अब एक नया ट्रेंड शुरू हो गया है – “किराए का पति” (Rent-a-Husband) सर्विस! NDTV की ताजा रिपोर्ट ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। आइए जानते हैं लातविया में हो क्या रहा है।
लातविया में पुरुष क्यों हो गए कम? चौंकाने वाली वजहें!
- सोवियत यूनियन टूटने के बाद लाखों युवा पुरुष विदेश (ब्रिटेन, जर्मनी, आयरलैंड) नौकरी के लिए चले गए और वापस नहीं लौटे।
- शराब की लत और खराब लाइफस्टाइल की वजह से लातवियाई पुरुषों की औसत उम्र सिर्फ 69-70 साल है, जबकि महिलाओं की 79-80 साल।
- दूसरे विश्व युद्ध में लातविया ने सबसे ज्यादा पुरुष आबादी खोई थी, उसका असर आज भी दिख रहा है।
- जन्म के समय भी लड़कियों का अनुपात लड़कों से ज्यादा है।

2025 तक लातविया की आबादी सिर्फ 18.5 लाख रह गई है और हर साल 15-20 हजार लोग देश छोड़ रहे हैं।
“किराए का पति” सर्विस क्या है?
लातविया की राजधानी रीगा और अन्य शहरों में अब “Rent a Husband” एजेंसियां खुल गई हैं। ये एजेंसियां सिंगल, डिवोर्सी या विधवा महिलाओं को कुछ घंटों से लेकर हफ्तों तक के लिए “पति” मुहैया कराती हैं। सर्विस में शामिल हैं!
- घर का सामान ठीक करना (प्लंबिंग, इलेक्ट्रिकल वर्क)
- फर्नीचर असेंबल करना, पेंटिंग करना
- बगीचा साफ करना, बर्फ हटाना (सर्दियों में)
- साथ में डिनर, मूवी, घूमना-फिरना
- इमोशनल सपोर्ट – बातें करना, सुनना
कीमत: 20-50 यूरो प्रति घंटा (लगभग 1800-4500 रुपये)। कुछ एजेंसियां “फुल डे पैकेज” भी देती हैं।
महिलाएं क्यों ले रही हैं ये सर्विस?
- अकेलापन बहुत ज्यादा है – 45% से ज्यादा महिलाएं 30-50 साल की उम्र में सिंगल हैं।
- स्थायी रिलेशनशिप या शादी का भरोसा नहीं रहा।
- छोटे-मोटे घर के काम के लिए कोई मर्द नहीं मिलता।
- कई महिलाएं कहती हैं, “पति चाहिए नहीं, बस कभी-कभी साथ और मदद चाहिए।”
- एक 38 साल की महिला ने NDTV को बताया, “मैंने 6 महीने पहले एक लड़के को 3 दिन के लिए किराए पर लिया।
- उसने मेरे घर की सारी मरम्मत की और साथ में कॉफी पी। अब हर महीने वो आता है। इससे अच्छा क्या चाहिए?”
पुरुष क्या कहते हैं?
किराए के पति बनने वाले ज्यादातर 25-45 साल के युवा हैं। इनमें बेरोजगार, स्टूडेंट्स या पार्ट-टाइम काम करने वाले शामिल हैं। एक 32 साल के “रेंटेड हसबैंड” ने कहा, “महिलाएं बहुत अच्छा व्यवहार करती हैं। पैसे भी ठीक मिलते हैं और कोई झंझट नहीं। शादी से बेहतर है!”
क्या ये सर्विस सिर्फ लातविया में है?
नहीं! अब एस्टोनिया, लिथुआनिया और पूर्वी यूरोप के कई देशों में भी ये ट्रेंड फैल रहा है। कुछ वेबसाइट्स तो “Rent a Boyfriend” पैकेज तक ऑफर कर रही हैं।
भारत के लिए सबक?
- भारत में भी हरियाणा, पंजाब, राजस्थान जैसे राज्यों में लिंग अनुपात बहुत खराब है
- (850-880 लड़कियां प्रति 1000 लड़के)। अगर अभी नहीं संभले तो 20-30 साल बाद हमारे यहां भी
- किराए का पति” या “किराए का भाई” का चलन शुरू हो सकता है।
- लातविया की ये अनोखी स्थिति बताती है कि समाज में लिंग संतुलन कितना जरूरी है।
- जब पुरुष कम हो जाते हैं तो न सिर्फ शादी-ब्याह प्रभावित होता है, बल्कि पूरा सामाजिक ढांचा बदल जाता है।
- लातविया की महिलाएं अब “शादी नहीं, सर्विस चाहिए” के फॉर्मूले पर चल रही हैं।











