Jefferies की टॉप पिक : भारत का सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर तेजी से उभर रहा है और ग्लोबल ब्रोकरेज Jefferies ने इस सेक्टर की एक दिग्गज कंपनी को अपनी टॉप पिक बना लिया है। TradeBrains की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, Jefferies ने Dixon Technologies (India) Ltd को “BUY” रेटिंग देते हुए ₹16,000 का टारगेट प्राइस दिया है, जो मौजूदा भाव (लगभग ₹11,000) से करीब 45% अपसाइड दिखाता है। यह रेकमेंडेशन PLI स्कीम, 5G-ईवी बूम और ग्लोबल सप्लाई चेन शिफ्ट के चलते आया है। आइए इस 700 शब्दों के SEO-फ्रेंडली ब्लॉग में जानते हैं कि Dixon क्यों है निवेशकों की पहली पसंद और अभी खरीदना चाहिए या नहीं!
Dixon Technologies कौन सी कंपनी है?
Dixon भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) कंपनी है, जो नोएडा बेस्ड है। यह Samsung, Xiaomi, Motorola, LG, Panasonic, Philips जैसे ग्लोबल ब्रांड्स के लिए मोबाइल फोन, LED टीवी, होम अप्लायंस, लैपटॉप और अब सेमीकंडक्टर ATMP (Assembly, Testing, Marking & Packaging) भी करती है।

मौजूदा मार्केट कैप: ~₹67,000 करोड़ 52 वीक हाई: ₹11,350 P/E रेशियो: 120x (हाई लेकिन ग्रोथ जस्टिफाई कर रहा)
Jefferies को Dixon में 45% अपसाइड क्यों दिख रहा?
Jefferies की रिपोर्ट में 5 बड़े ट्रिगर्स बताए गए हैं:
- सेमीकंडक्टर ATMP प्लांट 2025-26 में शुरू Dixon ने Kaynes Semicon के साथ जॉइंट वेंचर में गुजरात के साणंद में ₹3,000 करोड़ का ATMP प्लांट लगा रही है। यह भारत का पहला प्राइवेट सेक्टर ATMP यूनिट होगा। शुरुआत में 10 मिलियन चिप्स/दिन कैपेसिटी, बाद में 100 मिलियन तक।
- PLI 2.0 से बंपर फायदा Dixon को इलेक्ट्रॉनिक्स और IT हार्डवेयर PLI में ₹400-500 करोड़ तक इंसेंटिव मिलने की उम्मीद। मोबाइल फोन प्रोडक्शन में पहले से ही टॉप बेनिफिशियरी है।
- नए प्रोडक्ट सेगमेंट्स में तेज विस्तार
- लैपटॉप मैन्युफैक्चरिंग (Lenovo, Acer पार्टनरशिप)
- टेलीकॉम & नेटवर्किंग (5G इक्विपमेंट)
- वियरेबल्स & हियरेबल्स
- EV कंपोनेंट्स
- रेवेन्यू में धमाकेदार ग्रोथ
- FY24: ₹17,692 करोड़
- FY25E: ₹28,000 करोड़ (58% YoY ग्रोथ)
- FY27E: ₹50,000 करोड़ तक पहुँचने का अनुमान
- EBITDA मार्जिन 3.5-4% तक सुधर रहा है
- ग्लोबल ब्रांड्स का भरोसा Samsung ने Dixon को अपना सबसे बड़ा भारतीय ODM पार्टनर बनाया। Google Motorola, Xiaomi भी प्रोडक्शन बढ़ा रहे हैं।
फाइनेंशियल हाइलाइट्स जो निवेशकों को लुभा रहे!
- Q2 FY25 में रेवेन्यू 80% YoY बढ़कर ₹9,600 करोड़
- नेट प्रॉफिट 120% उछलकर ₹515 करोड़
- ROCE 28%+, ROE 25%+
- नेट डेट लगभग जीरो
- कैपेक्स प्लान: अगले 3 साल में ₹2,000 करोड़
रिस्क्स जो ध्यान में रखने हैं!
- हाई वैल्यूएशन (120x P/E) – करेक्शन का डर
- सेमीकंडक्टर प्लांट में देरी या टेक्नोलॉजी रिस्क
- कच्चे माल (चिप्स) की ग्लोबल सप्लाई पर निर्भरता
- मार्जिन प्रेशर अगर कॉम्पिटिशन बढ़ा
फिर भी Jefferies का मानना है कि 30-35% CAGR ग्रोथ अगले 5 साल तक जारी रहेगी।
निवेश स्ट्रैटेजी: अभी क्या करें?
- लॉन्ग-टर्म निवेशक: ₹10,000-10,500 के लेवल पर SIP या एकमुश्त खरीदें। टारगेट ₹15,000-16,000 (12-18 महीने)
- ट्रेडर्स: ₹10,800 के ऊपर ब्रेकआउट पर एंट्री, स्टॉपलॉस ₹10,200
- रिस्क-एवर्स: ₹9,500-9,800 तक डिप का इंतजार करें!
Jefferies के अलावा Motilal Oswal (टारगेट ₹14,500) और Emkay (टारगेट ₹13,800) भी Dixon पर बुलिश हैं।
भारत का सेमीकंडक्टर सपना Dixon से होकर गुजरेगा!
अगर भारत को “चाइना प्लस वन” और “आत्मनिर्भर भारत” में इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनना है, तो Dixon जैसी कंपनियां उसकी रीढ़ होंगी। Jefferies का 45% अपसाइड टारगेट और मजबूत फंडामेंटल्स इस स्टॉक को अभी के टॉप मल्टीबैगर कैंडिडेट बनाते हैं।











