फैज इलाही मस्जिद केस फैज इलाही मस्जिद केस में नए सबूत सामने आए हैं। जानिए कैसे उमर के 15 मिनट और दो फोन कॉल दिल्ली धमाके के पूरे रहस्य को उजागर कर सकते हैं। जांच एजेंसियों ने किन सुरागों पर काम शुरू किया है, पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
दिल्ली धमाका: फैज इलाही मस्जिद के 15 मिनट और फोन के सुराग

फैज इलाही मस्जिद केस में डॉ. उमर की 15 मिनट की मौजूदगी और दो फोन के जरिए दिल्ली धमाके का रहस्य जुड़ा हुआ है। डॉ. उमर मोहम्मद उर्फ उमर नबी, जो दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके के मुख्य संदिग्ध थे, धमाके से ठीक पहले पुरानी दिल्ली के फैज-ए-इलाही मस्जिद में करीब 10 से 15 मिनट तक रुके थे। जांच एजेंसियों को उमर के दो मोबाइल फोन मिले हैं, जिनके कॉल रिकॉर्ड और सिग्नल की जांच से धमाके की योजना और उसमें शामिल अन्य लोगों की जानकारी मिल सकती है।
फैज-ए-इलाही मस्जिद में उमर की मौजूदगी
जांच से पता चला है कि डॉ. उमर दोपहर लगभग 2:30 बजे फैज इलाही मस्जिद पहुंचे थे और वहां करीब 15 मिनट तक रुके थे। मस्जिद तुर्कमान गेट के सामने रामलीला मैदान के कोने पर स्थित है। यह मस्जिद तब्लीगी जमात से जुड़े एक समूह के अधीन है, जो सामाजिक, धार्मिक और शैक्षणिक कार्य करता है। आतंकी डॉ. उमर की इस मस्जिद में मौजूदगी को लेकर सुरक्षा एजेंसियां गंभीरता से जांच-पड़ताल कर रही हैं। इसमें यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उमर वहां किससे मिला, उसने क्या चर्चा की, और क्या धमाके की योजना वहीं अंतिम रूप दी गई थी।
दो मोबाइल फोन की भूमिका
डॉ उमर के दो मोबाइल फोन जांच में मिले हैं, जिनकी कॉल डिटेल, सिग्नल हिस्ट्री और संपर्कों की जांच की जा रही है। माना जा रहा है कि धमाके के पहले और दौरान उमर अपने हैंडलर्स से संपर्क में था। फोन के कॉल रिकॉर्ड से उन्हें नेटवर्क का पता चल सकता है, जिससे अन्य फिदायीन हमलावर या षड्यंत्रकारियों की पहचान होगी। सुरक्षा एजेंसियां उमर के फोन के जरिए धमाके के नेटवर्क और वित्तीय लेन-देन की भी छानबीन कर रही हैं।
धमाके का साजिश का खुलासा
दिल्ली के लाल किले के पास हुए इस कार धमाके में डॉ उमर ही भले ही कार चला रहा था, लेकिन उसकी 15 मिनट की मस्जिद में मौजूदगी और फोन की कॉल हिस्ट्री दर्शाती है कि यह अकेला हमला नहीं था, बल्कि एक व्यापक साजिश का हिस्सा था। तमाम सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी हैं और मस्जिद के सीसीटीवी फुटेज, फोन रिकॉर्ड, तथा अन्य सुरागों का विश्लेषण कर रहे हैं।
मस्जिद प्रबंधन की प्रतिक्रिया
फैज-ए-इलाही मस्जिद के प्रबंधन ने कहा है कि उनके कार्यक्रम केवल धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक सेवा संबंधित होते हैं। उन्होंने जांच एजेंसियों को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियां मस्जिद के अंदर और आसपास की गतिविधियों की गहन छानबीन कर रही हैं ताकि पता चल सके कि आतंकी डॉ उमर को वहां कौन जानता था और किससे वह संपर्क में था।
निष्कर्ष
- फैज इलाही मस्जिद में डॉ उमर की 15 मिनट की मौजूदगी और
- दो मोबाइल फोन की कॉल हिस्ट्री से दिल्ली धमाके के कई राज खुल रहे हैं।
- यह मस्जिद आतंकी गतिविधियों के जुड़ाव की जांच का केंद्र बिंदु बन गई है।
- इन सुरागों से पता चलता है कि धमाका केवल आतंकी हमलावर का अकेला कृत्य नहीं था,
- बल्कि इसके पीछे एक संगठित नेटवर्क और योजनाबद्ध साजिश थी।
- जांच एजेंसियां अब इस साजिश के मुख्य तारों को पकड़ने की कोशिश कर रही हैं,
- जिससे इस तरह के हमलों को भविष्य में रोका जा सके।
- यह पूरा मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक चुनौती है और
- भारतीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्कता और गहन जांच के साथ
- आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करने के लिए काम कर रही हैं।
- फैज इलाही मस्जिद केस में उमर की हर एक गतिविधि,
- हर एक कॉल, और 15 मिनट का वक्त धधकते सवालों की
- तरह सुरक्षा एजेंसियों के लिए महत्वपूर्ण सुराग बना हुआ है।










