EV market India 2025 : भारतीय इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मार्केट में तेजी से बढ़ती कंपनियों में ओला इलेक्ट्रिक का नाम प्रमुख है। लेकिन हाल के महीनों में कंपनी को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ओला इलेक्ट्रिक सर्विस रीबूट की खबर ने इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है। बिलियनेयर भविश अग्रवाल के नेतृत्व वाली इस कंपनी ने आफ्टर-सेल्स सर्विस में आई खामियों को दूर करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। यह रीबूट सेल्स की गिरती ग्राफ को संभालने का प्रयास है, जहां नोवेम्बर 2025 में बिक्री 71% तक लुढ़क गई। अगर आप इलेक्ट्रिक स्कूटर सर्विस समस्या से जूझ रहे हैं या EV मार्केट की अपडेट्स जानना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि ओला क्या कर रही है और इससे ग्राहकों को क्या फायदा होगा।
ओला इलेक्ट्रिक की सेल्स प्रॉब्लम: आखिर क्यों गिर रही बिक्री?
ओला इलेक्ट्रिक की मुश्किलें सितंबर 2024 से शुरू हुईं, जब सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) को 1 लाख से ज्यादा शिकायतें मिलीं। इनमें हार्डवेयर मालफंक्शन, सॉफ्टवेयर ग्लिच और बैटरी रिप्लेसमेंट में देरी जैसी समस्याएं शामिल थीं। परिणामस्वरूप, सर्विस सेंटर्स पर बैकलॉग बढ़ गया, जिससे ग्राहकों का भरोसा डगमगा गया।

- दिसंबर 2024 में कंपनी ने सेल्स और सर्विस नेटवर्क बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन बाद में कुछ सेंटर्स और
- वेयरहाउस बंद कर दिए। रिस्ट्रक्चरिंग के तहत 4,000 रिटेल आउटलेट्स को सर्विस, इन्वेंटरी और स्पेयर
- पार्ट्स के लिए इस्तेमाल करने का प्लान बना। जनवरी 2025 में 1,000 से ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स और
- एम्प्लॉयी को लेट-ऑफ कर फ्रंट-एंड ऑपरेशंस को ऑटोमेट करने पर फोकस किया।
Ola Electric sales drop का असर साफ दिख रहा है। नोवेम्बर 2025 में सिर्फ 8,400 यूनिट्स बिकीं, जो पिछले साल के 29,322 यूनिट्स से 71% कम है। यह 36 महीनों में सबसे कम बिक्री है। मार्च 2024 के पीक 53,647 यूनिट्स से 80% गिरावट। Q2 रिजल्ट्स में 43% रेवेन्यू ड्रॉप के बाद FY26 टारगेट को 40% घटाकर 2,21,000 यूनिट्स कर दिया। शेयरहोल्डर लेटर में कंपनी ने कहा, “हाइपर कॉम्पिटिटिव मार्केट में मार्जिन और कैश डिसिप्लिन पर फोकस कर रहे हैं।” H2 FY26 के लिए 1 लाख यूनिट्स का लक्ष्य है, जिसके लिए अक्टूबर-नोवेम्बर की 24,449 यूनिट्स के बाद हर महीने कम से कम 18,888 यूनिट्स बेचनी होंगी।
कोटक सिक्योरिटीज के एनालिस्ट्स ऋषि वोरा और अपूर्वा देसाई ने 6 नवंबर की रिपोर्ट में चेतावनी दी: “कंपनी की सिचुएशन पहले से ही स्ट्रेन दिखा रही है… कोर इश्यूज को संबोधित न करने पर यह क्राइसिस बन सकता है।”
सर्विस रीबूट: ओला का मास्टरस्ट्रोक प्लान
ओला इलेक्ट्रिक सर्विस रीबूट को कंपनी ने अब प्राथमिकता दी है। इसके तहत पूरे भारत में 250 सदस्यों की रैपिड-रिस्पॉन्स टीम डिप्लॉय की गई है। इसमें टेक्निशियन्स और ऑपरेशनल स्पेशलिस्ट्स शामिल हैं, जो कोर लीडरशिप टीम के नेतृत्व में काम करेंगे। लक्ष्य है पेंडिंग रिपेयर्स क्लियर करना, स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता बढ़ाना और बैटरी रिप्लेसमेंट व रूटीन मेंटेनेंस में देरी कम करना।
इंटरनल टारगेट्स सेट किए गए हैं, ताकि वेट टाइम्स काफी कम हो जाएं। ग्राहक अब कंपनी ऐप से सर्विस अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं और स्पेयर पार्ट्स खरीद सकते हैं, जिससे सेंटर्स पर भीड़ न लगे। सबसे बड़ा कदम है Ola Hyperservice इनिशिएटिव, जो अक्टूबर 2025 में लॉन्च हुआ। यह ओला की प्रोप्राइटरी सर्विस इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी को ओपन सोर्स करता है, ताकि भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सर्विसिंग को ट्रांसफॉर्म किया जा सके। सोर्सेज के मुताबिक, बेंगलुरु में बैकलॉग लगभग क्लियर हो चुका है और यह मॉडल पूरे देश में रोल आउट होगा।
- भविश अग्रवाल खुद ग्राउंड पर सक्रिय हैं। उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स से साफ है
- कि वे पर्सनली इन्वॉल्व्ड हैं। PTI के हवाले से कहा गया, “हाइपरसर्विस इनिशिएटिव इलेक्ट्रिक
- टू-व्हीलर्स की सर्विसिंग को फंडामेंटली ट्रांसफॉर्म करने का लक्ष्य रखता है।”
ग्राहकों पर असर: राहत की उम्मीद!
- इलेक्ट्रिक स्कूटर सर्विस समस्या से जूझ रहे ओला यूजर्स के लिए यह रीबूट वरदान साबित हो सकता है।
- बैकलॉग क्लियर होने से कस्टमर सैटिस्फैक्शन बढ़ेगा और शिकायतें कम होंगी।
- ऐप-बेस्ड बुकिंग से सुविधा मिलेगी, जबकि ऑटोमेशन से कॉस्ट कटिंग होगी।
- लेकिन चुनौती बनी हुई है – कॉम्पिटिटिव EV मार्केट में वॉल्यूम बढ़ाना।
भविष्य की योजनाएं: रिकवरी का रोडमैप
ओला का फोकस अब स्टेबलाइजेशन पर है। रैपिड टीम और हाइपरसर्विस से नेशनवाइड डिले कम होंगे। FY26 टारगेट हासिल करने के लिए मार्जिन और कैश पर जोर। लॉन्ग-टर्म में, यह रीबूट EV इंडस्ट्री को मजबूत बनाएगा।












