Dwarkadhish Temple Photos: गुजरात के द्वारका में स्थित द्वारकाधीश मंदिर (जिसे “जगत मंदिर” भी कहा जाता है) भारत के सबसे प्राचीन और भव्य मंदिरों में एक है। यह भव्य स्थल न सिर्फ श्रद्धालु बल्कि इतिहासप्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। आइए, जानें इस चमत्कारी मंदिर का इतिहास, खूबसूरती और देखें इसकी नई-नई तस्वीरें!
Dwarkadhish Temple Photos: द्वारकाधीश मंदिर की खूबसूरत तस्वीरों की झलक

- मंदिर का पांच मंज़िला मुख्य भवन, ऊँचा शिखर और शिल्पकारी भरी दीवारें देखते ही बनती हैं।
- मंदिर के शिखर पर 52 गज लंबा झंडा लहराता है जो दूर से ही आकर्षित करता है।
- मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही मौजूद सीढ़ियाँ, विशाल स्तंभ और नक्काशीदार दीवारें यहाँ के अनूठे स्थापत्य का प्रमाण देती हैं।
- मंदिर के आसपास अरब सागर का खूबसूरत नजारा और गोमती नदी की निर्मल लहरों का संगम, इस जगह की शांति और पवित्रता को और भी बढ़ा देता है।
- शाम के समय जब मंदिर की रोशनी समुद्र की लहरों पर प्रतिबिंबित होती है, तो दृश्य मंत्रमुग्ध कर देता है।
द्वारकाधीश मंदिर का इतिहास

- प्राचीन मान्यता के अनुसार, मंदिर का निर्माण भगवान श्रीकृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने लगभग 2500 वर्ष पहले करवाया था।
- मौजूदा संरचना का विस्तार 15वीं-16वीं शताब्दी में हुआ, जिसमें चालुक्य तथा मारू-गुर्जर शैली की झलक मिलती है।
- मुस्लिम आक्रमणकारी महमूद बेगड़ा द्वारा मूल मंदिर के विनाश के बाद इसका पुनर्निर्माण किया गया।
- मंदिर की भव्यता इसकी पांच मंजिला रचना, 72 खंभों और बारीक कलाकृतियों में देखी जा सकती है।
आस्था और विशेषताएँ

- मंदिर श्रीकृष्ण को समर्पित चार धामों में से एक है और हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए अत्यंत पूजनीय स्थान है।
- प्रत्येक दिन हजारों श्रद्धालु यहाँ दर्शन को पहुंचते हैं।
- खास बात यह है कि मंदिर का ध्वज दिन में पांच बार बदला जाता है, और इसे बदलने की रस्म में श्रद्धालु शामिल होते हैं।
- मंदिर में “स्वर्ग द्वार” और “मोक्ष द्वार” नामक दो मुख्य द्वार हैं—जो जीवन और मुक्ति का प्रतीक माने जाते हैं।
यात्रियों के लिए जरूरी बातें

- मंदिर सुबह 6:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे और शाम 5:00 बजे से रात 9:30 बजे तक खुला रहता है।
- जन्माष्टमी और अन्य प्रमुख त्योहारों के दौरान यहाँ भव्य आयोजन होते हैं,
- जब मंदिर की सजावट और चहल-पहल चरम पर होती है।
फोटोज के लिए सर्वश्रेष्ठ क्षण
- सूर्योदय और सूर्यास्त के समय मंदिर और समुद्र का संयोजन अद्भुत दिखाई देता है।
- विशेष अवसरों पर सजे मंदिर और ताजगी लेते झंडे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब पसंद की जाती हैं।
द्वारकाधीश मंदिर न सिर्फ एक धार्मिक केंद्र है,
बल्कि भारतीय स्थापत्य की गवाही और प्राकृतिक सुंदरता का अनमोल संगम भी है।
यदि आपको जीवन में कभी अवसर मिले, तो इस पावन नगरी की यात्रा अवश्य करें और अपनी यादों में इसकी भव्यता समेटें।