दिल्ली ब्लास्ट साजिश : हाल ही में देश में हुई कई आतंकवादी घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री मिलने के बाद दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कार ब्लास्ट की खबर ने सबको हिला कर रख दिया। जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि इन घटनाओं में एक ही साजिश का हाथ हो सकता है, जिसमें डॉक्टरों की भूमिका भी संदिग्ध बनी हुई है।
फरीदाबाद विस्फोट: भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद
फरीदाबाद में पुलिस को बड़ी मात्रा में विस्फोटक मिला जिनमें 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट, डेटोनेटर्स, और अन्य आतंकवादी उपकरण शामिल थे। जम्मू-कश्मीर की पुलिस और फरीदाबाद क्राइम ब्रांच ने इस मामले में सख्त छापे मारे हैं। जांच में सामने आया कि यह विस्फोटक सामग्री एक बड़े आतंकवादी नेटवर्क से जुड़ी हुई थी। फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में भी पुलिस ने छापेमारी कर कई संदिग्ध डॉक्टरों और छात्रों से पूछताछ की है।

डॉक्टरों की भूमिका बनी संदिग्ध
- इस जांच में कई डॉक्टर संदिग्ध सामने आए हैं जिनमें प्रमुख नाम डॉ. उमर मोहम्मद का है।
- डॉ. उमर ने फरीदाबाद में आतंकवादी मॉड्यूल के साथ गुप्त तौर पर काम किया और लाल किला धमाके
- में इस्तेमाल कार का मालिक भी था। इसके अलावा गुजरात में एक हैदराबाद के डॉक्टर अहमद मोहुद्दीन
- सैयद को भी जहर (रिसिन) बनाने और आतंकवादी साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
वे सोशल मीडिया के माध्यम से कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने और आतंकवाद को बढ़ावा देने में सक्रिय थे। उनका कनेक्शन इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) से जुड़ा था, जो सीधे तौर पर भारत में हमले की साजिश रच रहा था।
दिल्ली ब्लास्ट: एक आत्मघाती हमला
- दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुआ धमाका एक आत्मघाती हमला था
- जिसमें 9 लोगों की मौत और कई लोग घायल हो गए। जांच एजेंसियों के मुताबिक विस्फोटक सामग्री
- फरीदाबाद मॉड्यूल से आयी थी और इसमें अमोनियम नाइट्रेट के साथ फ्यूल ऑयल और डेटोनेटर का इस्तेमाल हुआ।
- धमाके में इस्तेमाल कार भी फरीदाबाद से दिल्ली आई थी।
- पुलिस का मानना है कि फरीदाबाद के डॉक्टर उमर मोहम्मद ने पकड़े जाने के डर से इस धमाके को अंजाम दिया।
- जांच के लिए एनआईए, आईबी, स्पेशल सेल और लोकल पुलिस एक साथ काम कर रही हैं।
जांच में खोले जा रहे राज
जांच अभी भी जारी है और सुरक्षा एजेंसियां लगातार नए सुराग जुटा रही हैं। दिल्ली पुलिस के हाथ लगी लगभग 1000 CCTV फुटेज की जांच की जा रही है, साथ ही फरीदाबाद, लखनऊ और कश्मीर से छापेमारी भी जारी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में सख्त संदेश दिया है कि इस आतंकी साजिश में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और खुफिया एजेंसियां शीघ्र ही पूरी साजिश का पर्दाफाश करेंगी।
क्या सबकी है एक ही साजिश?
फरीदाबाद विस्फोट, डॉक्टरों द्वारा जहर बनाने की साजिश, और दिल्ली का धमाका अगर आपस में जुड़े हुए हैं, तो यह हमारे लिए एक गंभीर चुनौती है। यह साफ़ है कि आतंकवादी संगठन अब ज्यादा संगठित और खतरनाक हो गए हैं, जो चिकित्सा पेशे का भी दुरुपयोग कर रहे हैं।
- सुरक्षा एजेंसियों को न केवल विस्फोटक सामग्री बल्कि ऐसे संदिग्धों पर भी नज़र रखनी होगी
- जो समाज के बीच रहकर इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं।
- फरीदाबाद विस्फोट से लेकर दिल्ली धमाका तक की जांच से पता चलता है
- कि यह एक संगठित आतंकी साजिश है जिसमें चिकित्सकीय क्षेत्र के कुछ लोग भी शामिल हैं।
- इसकी जांच व्यापक स्तर पर जारी है और आगे और खुलासे होंगे। इस बार सुरक्षा एजेंसियों की सबसे
- बड़ी चुनौती इन कनेक्शनों को समय रहते पकड़ना और ऐसी घटनाओं को रोकना है।












