धनतेरस 2025 : धनतेरस दिवाली के पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत का शुभ अवसर है। इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है, जो स्वास्थ्य, धन-समृद्धि, परिवार की रक्षा और संबंधों को मजबूत करने का प्रतीक है। यह दिन खासतौर पर खरीदारी का दिन माना जाता है, क्योंकि दिवाली की खुशियां इसी दिन से शुरू होती हैं। लेकिन ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुछ वस्तुएं धनतेरस जैसे खास दिनों पर खरीदना शुभ नहीं माना जाता। खासतौर पर शनिवार के दिन झाड़ू और सरसों के तेल की खरीदारी से बचना चाहिए। इस ब्लॉग पोस्ट में जानिए क्यों, साथ ही shani pradosh vrat का महत्व क्या है और कब करें ये खरीदारी।
धनतेरस के दिन खरीदारी का महत्व
#धनतेरस को मां लक्ष्मी की पूजा के साथ शुभ वस्तुओं की खरीदारी का दिन माना जाता है। कौड़ी, कमलगट्टा, धनिया, गोमती चक्र, हल्दी की गांठ, सोना-चांदी जैसी चीजें खरीदना लाभकारी हो सकता है। मान्यता है कि इस दिन की गई खरीदारी से आय में वृद्धि होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। हालांकि, ज्योतिषीय दृष्टि से कुछ वस्तुएं विशेष समय के अनुसार खरीदना शुभ नहीं होता।

झाड़ू की खरीदारी पर रोक
- झाड़ू को घर की सफाई और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसे मां लक्ष्मी से जोड़ा गया है
- इसलिए इसका चुनाव और खरीदारी सही समय पर करना जरूरी है। शनिवार और मंगलवार को झाड़ू खरीदना
- अशुभ माना जाता है क्योंकि ये दिन शनि और मंगल ग्रह से जुड़े हैं, जो कर्म और संघर्ष से संबंधित ग्रह हैं।
- इन दिनों झाड़ू खरीदने पर घर में धन की हानि और पारिवारिक आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
शुभ दिनों की बात करें तो बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को झाड़ू खरीदना लाभकारी होता है। इन दिनों खरीदारी से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, लक्ष्मी माता प्रसन्न होती हैं और घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इससे सुख-शांति, आर्थिक समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ होता है।
- सरसों के तेल की खरीदारी भी शनिवार को न करें क्योंकि यह शनि ग्रह का प्रतीक है।
- शनिवार को तेल खरीदने के बजाय इसका दान करना शुभ माना गया है।
- दीपावली के लिए सरसों के तेल की आवश्यकता जरूर होती है
- लेकिन इसे शनिवार को खरीदना उचित नहीं होगा।
- इसे रविवार के दिन दोपहर से पहले खरीद लेना बेहतर होता है।
शनि प्रदोष व्रत का महत्व
- धनतेरस 2025 के दिन शनि प्रदोष व्रत भी है। शनि प्रदोष व्रत शनिदेव की विशेष पूजा होती है
- जो शनि ग्रह से जुड़े दोषों को कम करने में मददगार माना जाता है।
- इस दिन शाम को शनि देव को दीपक अर्पित करें। इसी के साथ महादेव का अरघा भी किया जाता है
- जिसमें काले तिल डाले जाते हैं। यह व्रत शनि दोष से पीड़ित लोगों के लिए फलदायी होता है
- जिससे उनके कर्ज में राहत मिलती है और बीमारियों से उबरने में मदद मिलती है।
शनि प्रदोष व्रत के दौरान श्रद्धालु शनि मंत्रों का जाप करते हैं और शनि देव की आराधना करते हैं। ऐसा करने से जीवन में आने वाली बाधाएं कम होती हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ समय
- धनतेरस 2025 की त्रयोदशी तिथि दोपहर 12:18 बजे से शुरू होकर अगले दिन दोपहर 1:51 बजे समाप्त हो रही है।
- खरीदारी का शुभ समय इसी के अनुसार माना जाता है। प्रदोष काल का भी महत्व है, इसलिए मुख्य खरीदारी
- इसी दिन ही करनी चाहिए। हालांकि, जैसा कि बताया गया है, झाड़ू और सरसों के तेल की खरीदारी शनिवार को न करें।
ये वस्तुएं रविवार को दोपहर से पहले खरीदना शुभ रहता है। इसलिए अगर धनतेरस के दिन इन चीजों की खरीद न हो सके तो रविवार का दिन इसका विकल्प हो सकता है।
धनतेरस 2025 की खरीदारी टिप्स!
- आज शनिवार के दिन झाड़ू व सरसों के तेल की खरीदारी न करें।
- धनतेरस पर सोना, चांदी, जैसे कीमती वस्त्र खरीदें, कौड़ी, गोमती चक्र और हल्दी खरीदना शुभ है।
- अगर झाड़ू खरीदनी हो तो बुधवार, गुरुवार या शुक्रवार को करें।
- सरसों के तेल की खरीदारी रविवार के दिन सुबह तक सुरक्षित है।
- शाम को शनि प्रदोष व्रत का पालन करें और शनि देव को दीपक जलाकर अर्पित करें।
- महादेव की पूजा में काले तिल जरूर डालें ताकि शनिदोष से मुक्ति मिले।
- धनतेरस 2025: शुभ और अशुभ खरीदारी का यह ज्ञान आपको सही मार्गदर्शन देगा ताकि आप दिवाली
- पर्व पर घर में सुख-शांति एवं धन-समृद्धि ला सकें। शनि प्रदोष व्रत के साथ-साथ यह दिन आपकी आर्थिक और
- आध्यात्मिक प्रगति के लिए शुभ हो सकता है, बशर्ते खरीदारी और पूजा के नियमों का पालन सही समय पर किया जाए।
इस दिवाली अपनी खरीदारी सावधानी से करें और मां लक्ष्मी व शनि देव की कृपा से अपने जीवन को खुशहाल बनाएं। धनतेरस के इस शुभ अवसर को यादगार और लाभकारी बनाएं।












