Chaitra Navratri 2025: कब से शुरू होगी नवरात्रि और किस प्रकार करें देवी पूजा, जानिए पूरी जानकारी!
March 29, 2025 2025-03-29 15:09Chaitra Navratri 2025: कब से शुरू होगी नवरात्रि और किस प्रकार करें देवी पूजा, जानिए पूरी जानकारी!
Chaitra Navratri 2025: कब से शुरू होगी नवरात्रि और किस प्रकार करें देवी पूजा, जानिए पूरी जानकारी!
Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि 2025 का शुभारंभ 30 मार्च 2025 (रविवार) से होगा और समापन 7 अप्रैल 2025 (सोमवार) को राम नवमी के साथ होगा। यह नवरात्रि वर्ष की पहली नवरात्रि होती है और हिन्दू नववर्ष की शुरुआत भी इसी दिन होती है। इन नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है।

चैत्र नवरात्रि का धार्मिक महत्व
चैत्र नवरात्रि देवी दुर्गा की शक्ति, भक्ति और साधना का प्रतीक पर्व है। यह पर्व हमें सिखाता है कि नारी शक्ति जीवन का मूल है और उसका प्रत्येक रूप सम्मान योग्य है। माँ दुर्गा के नौ रूप, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है, प्रत्येक दिन पूजे जाते हैं।
Chaitra Navratri 2025: तिथि और दिनवार
दिन | तिथि | देवी स्वरूप | विशेषता |
---|---|---|---|
1. | 30 मार्च | शैलपुत्री | हिमालय की पुत्री, आरंभ शक्ति |
2. | 31 मार्च | ब्रह्मचारिणी | तपस्या की देवी |
3. | 1 अप्रैल | चंद्रघंटा | शांति व शक्ति का संगम |
4. | 2 अप्रैल | कूष्मांडा | ब्रह्मांड की सृष्टिकर्ता |
5. | 3 अप्रैल | स्कंदमाता | भगवान कार्तिकेय की माता |
6. | 4 अप्रैल | कात्यायनी | राक्षसों का विनाश करने वाली |
7. | 5 अप्रैल | कालरात्रि | अंधकार का नाश करने वाली |
8. | 6 अप्रैल | महागौरी | सौंदर्य व शांति की प्रतीक |
9. | 7 अप्रैल | सिद्धिदात्री | सभी सिद्धियों की दात्री |
चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना (घटस्थापना)
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त – 30 मार्च 2025 को प्रातःकाल
घटस्थापना नवरात्रि का आरंभिक और महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इसमें मिट्टी में जौ बोए जाते हैं, कलश की स्थापना होती है और माँ दुर्गा का आह्वान किया जाता है।
स्थापना विधि:
- प्रातः स्नान कर पूजा स्थान को शुद्ध करें।
- मिट्टी के पात्र में जौ बोएं और उस पर जल से भरा कलश रखें।
- कलश में आम के पत्ते और नारियल रखें।
- दीप जलाएं और दुर्गा सप्तशती पाठ प्रारंभ करें।
चैत्र नवरात्रि में उपवास और पूजा विधि
नवरात्रि में भक्तजन उपवास रखते हैं और नौ दिनों तक सात्विक जीवन जीते हैं। व्रत के नियम सादगी, संयम और भक्ति पर आधारित होते हैं।
पूजा के प्रमुख चरण:
- माँ के विभिन्न रूपों की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- प्रतिदिन माँ के स्वरूप के अनुसार भोग अर्पित करें।
- लाल फूल, रोली, अक्षत और नैवेद्य चढ़ाएं।
- दुर्गा सप्तशती, देवी कवच, अर्गला स्तोत्र का पाठ करें।
- आरती और दुर्गा चालीसा का नियमित पाठ करें।
चैत्र नवरात्रि में व्रत का महत्व
नवरात्रि व्रत से न केवल शरीर और मन की शुद्धि होती है, बल्कि आत्मा को दिव्यता प्राप्त होती है। यह समय साधना, ध्यान और तपस्या का होता है। भक्त माँ से शक्ति, समृद्धि, स्वास्थ्य और मनोकामना की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं।
चैत्र नवरात्रि और राम नवमी का संबंध
#चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन राम नवमी के रूप में मनाया जाता है। यह भगवान श्रीराम के जन्म का दिन होता है। इस दिन माँ दुर्गा के नवें रूप सिद्धिदात्री की पूजा होती है और श्रीराम के जन्म की भी आराधना की जाती है। इस दिन पूजा का विशेष महत्व होता है।
चैत्र नवरात्रि में क्या करें और क्या न करें
क्या करें:
- सात्विक भोजन करें।
- केवल फल, दूध, साबूदाना, कुट्टू या सिंघाड़े का आटा लें।
- नवरात्रि में संयम और शुद्ध विचार रखें।
- जरूरतमंदों को दान दें।
क्या न करें:
- तामसिक भोजन, लहसुन-प्याज से परहेज़ करें।
- क्रोध, आलस्य और बुरे विचारों से बचें।
- व्रत के दौरान झूठ न बोलें।
- नशे और अनुशासनहीनता से दूर रहें।
चैत्र नवरात्रि के दौरान बनाए जाने वाले भोग
हर दिन देवी को अलग-अलग प्रकार का भोग अर्पित किया जाता है, जैसे:
- पहले दिन: देसी घी
- दूसरे दिन: मिश्री
- तीसरे दिन: दूध
- चौथे दिन: मालपुआ
- पाँचवे दिन: केले
- छठे दिन: शहद
- सातवें दिन: गुड़
- आठवें दिन: नारियल
- नौवें दिन: हलवा-पूड़ी और चने
अष्टमी और नवमी का विशेष पूजन
अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। नौ कन्याओं को देवी के नौ रूप मानकर उनका पूजन, भोजन और चरण स्पर्श किया जाता है।
कन्या पूजन विधि:
- नौ कन्याओं को आमंत्रित करें।
- उनके पैर धोएं और तिलक करें।
- पूड़ी, चने और हलवे का भोग दें।
- उपहार, कपड़े या दक्षिणा प्रदान करें।
निष्कर्ष: माँ दुर्गा की उपासना से मिले आशीर्वाद
चैत्र नवरात्रि 2025 आत्मशुद्धि, साधना और शक्ति प्राप्त करने का अनुपम अवसर है। माँ दुर्गा की कृपा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, आत्मबल और सफलताओं का संचार होता है। इन नौ दिनों में भक्ति के साथ साधना करें और अपने जीवन को दिव्य बनाएँ।
आपको चैत्र नवरात्रि 2025 की ढेरों शुभकामनाएँ। माँ दुर्गा आप पर कृपा बनाए रखें। जय माता दी!