बिहार चुनाव2025 वोटर लिस्ट से ठीक पहले राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट में धांधली और वोट चोरी के गंभीर आरोप लगाकर सियासी हलचल मचा दी है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से निष्पक्ष जांच की मांग की है, जबकि विपक्ष और सत्ताधारी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। जानिए पूरी खबर, राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और इससे जुड़े ताजा अपडेट।
बिहार चुनाव2025 वोटर लिस्ट कांग्रेस का चुनाव आयोग से निष्पक्ष जांच की मांग
#बिहार चुनाव 2025 से पहले कांग्रेस ने वोटर लिस्ट को लेकर गंभीर आपत्तियां उठाई हैं। पार्टी का कहना है कि कई जगहों पर नाम काटे गए हैं और फर्जी वोट जोड़े गए हैं। राहुल गांधी ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया और पारदर्शिता की मांग की है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित जांच की अपील की है। पार्टी का दावा है कि सच्चाई सामने आने पर कई गंभीर गड़बड़ियां उजागर होंगी।

राहुल गांधी के गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि बिहार चुनाव 2025 की वोटर लिस्ट में जानबूझकर धांधली की गई है। उनके अनुसार हजारों वैध मतदाताओं के नाम काटे गए हैं और फर्जी नाम जोड़े गए हैं। उन्होंने इस पूरे मामले को लोकतंत्र के लिए बड़ी चुनौती बताया। उनकी मांग है कि जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
कांग्रेस की जांच की मांग
कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से चुनाव आयोग को शिकायत सौंपी है। पार्टी ने पूरे राज्य में वोटर लिस्ट की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए। ताकि जनता को भरोसा दिया जा सके कि चुनाव साफ-सुथरे होंगे।
विपक्ष में बढ़ी एकजुटता
राहुल गांधी के आरोपों के बाद कई विपक्षी दल कांग्रेस के साथ आ गए हैं। राजद, जद(यू) के बागी और वाम दलों ने इस मुद्दे पर खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने भी चुनाव आयोग से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग उठाई है। इससे बिहार में विपक्षी एकता और मजबूत होती नजर आ रही है।
सत्ताधारी दल की सफाई
सत्ताधारी दल ने इन सभी आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। उनका कहना है कि राहुल गांधी जनाधार खोने के डर से भ्रम फैला रहे हैं। दल के प्रवक्ताओं ने कहा कि वोटर लिस्ट प्रक्रिया बेहद पारदर्शी है। उन्होंने जांच को लेकर सहयोग देने की बात भी कही।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग ने इस विवाद पर प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। उसने कहा कि वोटर लिस्ट बनाने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है। प्रत्येक मतदाता को नाम जुड़वाने और सुधारने का अवसर दिया गया था। आयोग ने राज्य के सभी जिलों को पुन: सत्यापन के निर्देश दिए हैं।
जनता में बढ़ी चिंता
कई लोगों ने शिकायत की कि उनके नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं।
इससे आम मतदाताओं में असंतोष और चिंता की भावना बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि इस तरह की गलती से लोकतांत्रिक अधिकार प्रभावित होते हैं। वे चाहते हैं कि आयोग जल्द सुधार की कार्रवाई करे।
सोशल मीडिया पर बहस
यह मुद्दा सोशल मीडिया पर काफी चर्चा का विषय बन गया है।
राहुल गांधी के आरोपों के बाद ट्विटर पर #VoterListScam ट्रेंड करने लगा।
लोग अपने क्षेत्र की लिस्ट शेयर कर गड़बड़ियों को उजागर कर रहे हैं।
कुछ उपयोगकर्ता इसे चुनावी राजनीति का हिस्सा भी बता रहे हैं।
निर्वाचन सुधार की मांग
कई सामाजिक संगठनों ने इस मामले में प्रणालीगत सुधार की जरूरत बताई है।
उन्होंने सुझाव दिया कि वोटर सूची को पूरी तरह डिजिटल किया जाए।
साथ ही, चेहरे की पहचान जैसी तकनीक से सत्यापन की प्रक्रिया तेज हो।
चुनाव की तैयारियों पर असर
यह विवाद अब बिहार चुनाव की रणनीति पर असर डाल रहा है।
कई राजनीतिक दल अपने बूथ स्तर पर लिस्ट की जांच करा रहे हैं।
प्रत्याशी अब हर मतदाता तक पहुंच सुनिश्चित करने में जुट गए हैं।
यह मुद्दा चुनावी एजेंडा का अहम हिस्सा बन गया है।
आगे की राजनीतिक रणनीति
कांग्रेस इस मामले को जनता के बीच बड़े मुद्दे के रूप में उठा रही है।
पार्टी इस पर जन आंदोलन और रैलियों की योजना बना रही है।
राहुल गांधी खुद कई जिलों में जाकर लोगों से संवाद करेंगे।
निष्कर्ष
बिहार चुनाव 2025 से पहले वोटर लिस्ट विवाद ने राज्य की राजनीति को नई दिशा दे दी है। राहुल गांधी और कांग्रेस के आरोपों से लोकतंत्र की पारदर्शिता पर बड़ी बहस छिड़ गई है। अब सबकी निगाहें चुनाव आयोग की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं। अगर जांच निष्पक्ष हुई तो यह आने वाले चुनावों के लिए एक मिसाल बन सकती है।
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