Bhool Chuk Maaf Movie: राजकुमार राव और वामिका गब्बी स्टारर ‘भूल चूक माफ’ एक दिलचस्प टाइम लूप रोमांटिक-कॉमेडी है, जिसमें बनारस का रंग, शानदार एक्टिंग और हल्की-फुल्की कहानी है। जानिए फिल्म की खासियतें, कमजोरियां और क्यों यह फैमिली के साथ देखने लायक है।
Bhool Chuk Maaf Movie: बनारस की गलियों से निकली टाइम लूप वाली लव स्टोरी

अगर आप हल्की-फुल्की कॉमेडी, बनारसी रंग और एक हटके कहानी के शौकीन हैं, तो ‘भूल चूक माफ’ आपके लिए एकदम परफेक्ट फिल्म है। राजकुमार राव और वामिका गब्बी की जोड़ी, बनारस की गलियों का माहौल और कहानी में टाइम लूप का ट्विस्ट—ये सब मिलकर फिल्म को एक अलग ही मजा देते हैं।
कहानी की झलक
कहानी बनारस के रंजन उर्फ बाबू (राजकुमार राव) की है, जो बेरोजगार है लेकिन तितली (वामिका गब्बी) के प्यार में पूरी तरह डूबा है। तितली भी उसे उतना ही चाहती है, लेकिन तितली के पिता (जाकिर हुसैन) की शर्त है—सरकारी नौकरी मिलेगी, तभी बेटी की शादी होगी। रंजन की मां (सीमा पाहवा) अचार का बिजनेस करती हैं, पिता (रघुबीर यादव) घर में आराम फरमाते हैं। रंजन सरकारी नौकरी पाने के लिए क्या-क्या जुगाड़ नहीं लगाता! यहां तक कि भगवान शिव से मन्नत भी मांग लेता है कि मनोकामना पूरी होने पर एक नेक काम करेगा।
आखिरकार, तितली अपनी मां का हार गिरवी रखकर पैसे जुटाती है और रंजन को सरकारी नौकरी मिल जाती है। शादी की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। लेकिन, हल्दी की रस्म के बाद रंजन एक अजीब टाइम लूप में फंस जाता है—हर सुबह उठता है और फिर से हल्दी की वही रस्म! शादी की तारीख (30 तारीख) कभी आती ही नहीं। इस टाइम लूप से बाहर निकलने के लिए रंजन क्या-क्या करता है, यही फिल्म की असली कहानी है।
फिल्म की खासियतें
- बनारस का रंग: फिल्म में बनारस की गलियों, वहां की बोली और लोकल रंगत को बखूबी दिखाया गया है। आपको शहर की आत्मा महसूस होगी।
- डायलॉग्स और केमिस्ट्री: रंजन और तितली के बीच की केमिस्ट्री, मजेदार डायलॉग्स और सपोर्टिंग कास्ट (संजय मिश्रा, सीमा पाहवा, रघुबीर यादव) फिल्म को जीवंत बनाते हैं।
- टाइम लूप का ट्विस्ट: हिंदी फिल्मों में टाइम लूप कम ही देखने को मिलता है। यहां इसे हल्के-फुल्के अंदाज में दिखाया गया है, जो कहानी को नया फ्लेवर देता है।
- फैमिली एंटरटेनर: फिल्म पूरी तरह फैमिली के साथ देखी जा सकती है—कोई डबल मीनिंग या फूहड़ कॉमेडी नहीं।
कमजोरियां
पहला हाफ थोड़ा स्लो: फिल्म का पहला हिस्सा धीमा है,
किरदारों को जमने में वक्त लगता है।
गानों की भरमार: कई बार लगता है कि हर दूसरे सीन में गाना आ जाता है,
जिससे रफ्तार टूटती है।
टाइम लूप का लॉजिक: टाइम लूप का कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं मिलता,
बस कहानी को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया गया है।
बॉक्स ऑफिस और पब्लिक रिस्पॉन्स
फिल्म का बजट करीब 50 करोड़ था
और रिलीज के एक हफ्ते में ही फिल्म ने अपना बजट निकाल लिया।
राजकुमार राव और वामिका गब्बी के खाते में एक और हिट जुड़ गई है।
‘भूल चूक माफ’ एक हल्की-फुल्की,
दिलचस्प और हटके रोमांटिक-कॉमेडी है,
जिसमें बनारस का रंग, जबरदस्त एक्टिंग और टाइम लूप का ट्विस्ट है।
अगर आप कुछ नया देखना चाहते हैं, तो इस फिल्म को जरूर देखें। हां,
कुछ कमियां हैं, लेकिन फिल्म आपको हंसाएगी,
सोचने पर मजबूर करेगी और अंत में एक पॉजिटिव फीलिंग देगी—
कभी-कभी जिंदगी में छोटी-
छोटी भूलें भी माफ कर देनी चाहिए।