Alone Sad Shayari: अकेलापन जिंदगी को बेबस बना देता है. कोई हमें छोड़कर चला जाता है तब ऐसा लगता है की दुनिया खाली हो गई है, कही भी मन नहीं लगता. ऐसे में अगर आपकी फीलिंग को शब्द मिल जाए तो आप अपने अकेलेपन को लोगो के साथ बाँट सकते है.

जिनकी की मोहब्बत सच्ची होती है,
उनके नसीब में दर्द और अकेलापन ही लिखा होता है

बहुत मजबूत होते है वो लोग जो
अकेले में सबसे छुप कर रोते हैं

अकेला रोता छोड़ गया वो इंसान भी
मुझे जो कल तक कहता था रोना मत
तुम्हे मेरी कसम

हजारों महफिलें हैं और लाखों मेले हैं,
पर जहाँ तुम नहीं वहाँ हम अकेले हैं

अधूरा ही रहा मेरा हर सफर कभी
रास्ते रखो गए तो कभी हमसफर.

तन्हाई रही साथ ता-जिंदगी मेरे,
शिकवा नहीं कि कोई साथ न रहा..!!

आदत बदल गई है वक्त काटने की,
हिम्मत ही नही होती दर्द बांटने की

टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गए,
किसी को चुभ न जाएं इसलिए दूर हो गए

उदास तो बहुत रहे मगर कभी जाहिर नही किया ठीक हूं बस इस लफ्ज़ ने सब संभाल लिया।
Alone Sad Shayari: जब दर्द को लफ्ज़ मिले, तो शायरी बन गई!

आँख का पानी और दिल की कहानी,
हर किसी को समझ ना आती

कैसे गुजरती है मेरी हर एक शाम,
तुम्हारे बगैर अगर तुम देख लेते तो,
कभी तन्हा न छोड़ते मुझे

जहां महफ़िल सजी हो वह मेला होता है जिसका दिल टूटा हो वो
तन्हा अकेला होता है

आज कुछ अजनबी सा अपना वजूद लगता है,
साथ हैं सब मगर दिल क्यों
अकेला सा लगता है

काश तू समझ सकती मोहब्बत के उसूलों को,
किसी की साँसों में समाकर उसे तन्हा नहीं करते

बस मेरी एक आखरी दुआ कबूल हो जाए
इस टूटे दिल से तेरी यादे दूर हो जाए

अकेलापन क्या होता हैं, ये कोई ताज महल से पूछों
देखने के लिए पूरी दुनिया आती हैं
लेकिन इसमें रहता कोई नहीं

अकेले ही सहना अकेले ही रहना होता है
अकेलेपन का हर एक आँसू,
अकेले ही पीना होता है

कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,
हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है

कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ-कहाँ से गुजरे,
अकेले ही नजर आये हम जहाँ-जहाँ से गुजरे
खामोशी की सजा: दर्द भरी Alone Sad Shayari कलेक्शन

बहुत शौक था दुसरो को खुश रखने का, होश
तो तब आया, जब खुद को अकेला पाया ।

देख ली हमने जमाने की यारी
मतलब निकल जाने के बाद
दूर हो जाते हैं बारी बारी

इंसान को अपनी औकात का तब पता चलता है जब उसे वहां से ठोकर मिले,
जहां उसने सबसे ज्यादा भरोसा किया हो

सब को दिलासा देने वाला शख्स, अपने
दुखों में अकेला होता हैं

तेरे जाने के बाद मैंने कितनों को यूँ
आजमाया है मगर कोई भी मेरे
इस अकेलेपन को दूर नहीं कर पाया है.

अपने ही लोग लूट लेते है वरना गैरों को क्या मालूम
कि दिल की दीवार कहाँ
से कमजोर है

क्या कहें जनाब कि अकेलापन क्यों इतना भाता है,
खुद से बातों में अक्सर यू ही वक्त गुज़र जाता है

खता हैं दिल से याद करो तो ख़ुदा भी मील जाता हैं.
हमनें तो तुम्हें दिल मे बसा रखा
हैं फिर भी अकेले हैं।

पहला प्यार हुआ, तो भी ऐसे इंसान से हुवा
जिसे भूलना बस में नहीं और
पाना किस्मत में नहीं

तेरे दिल की दुनिया को रौशन कर जाऊंगा
अकेला ही आया था,अकेला ही मैं जाऊंगा।

तन्हाई रही साथ ता-जिंदगी मेरे,
शिकवा नहीं कि कोई साथ न रहा
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