Black Day Quotes & Status in Hindi
January 14, 2024 2024-01-14 6:17Black Day Quotes & Status in Hindi
Black Day Quotes & Status in Hindi
Introduction: Black Day Quotes
भारत 14 फरवरी को “काला दिन” मानता है पुलवामाहमले जिसमें 40 सी.आर.पी.एफ भारतीय सुरक्षा बलों पर सबसे घातक हमलों में से एक में बहादुर लोग मारे गए ।
लोग गुलाब देकर
मोहब्बत जताते हैं और
हमारे सैनिक अपनी
जान देकर देश का
कर्ज अदा करते हैं
प्रेम दिवस कैसे मनाता,
जब चारो तरफ गम के बादल छाए थे ..
नमन हैं मेरा उन शहिदो को,
जो तिरंगा ओढ कर आए थे ..
कतरा – कतरा भी दिया वतन के वास्ते,
एक बूंद तक ना बचाई इस तन के वास्ते
यूं तो मरते हैं लाखो लोग हर रोज़
पर मरना तो वो है जो जान जाये वतन के वास्ते।
मुझे आज भि याद हैं वो दिन,
जब हिंदुस्तान रोया था.. पुलवामा पर धोके से,
दुश्मनो ने हमला कराया था..
मैं तिरंगा फहराकर वापस आऊंगा या फिर तिरंगे में लिपटकर आऊंगा,
लेकिन मैं वापस अवश्य आऊंगा।”
चढ़ गये जो हंसकर सूली, खाई जिन्होंने सीने पर गोली,
हम उनको प्रणाम करते हैं। जो मिट गये देश पर,
हम सब उनको सलाम करते हैं.
किसी गजरे की खुशबू को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरी नन्ही की चिड़िया को चहकना छोड़ आया हूँ।
मुझे छाती से अपनी लगा लेना भारत माँ
मै अपनी माँ की बाहो को तरसता छोड़ आया हूँ।
किसी गजरे की खुशबू को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरी नन्ही की चिड़िया को चहकना छोड़ आया हूँ।
मुझे छाती से अपनी लगा लेना भारत माँ
मै अपनी माँ की बाहो को तरसता छोड़ आया हूँ।
जो देश के लिए शहीद हुए उनको मेरा सलाम है,
अपने खूं से जिस जमीं को सींचा उन बहादुरों को सलाम है
मुझे आज भि याद हैं वो दिन, जब हिंदुस्तान रोया था..
पुलवामा पर धोके से, दुश्मनो ने हमला कराया था..
वतन से मोहब्बत वो इस कदर निभा गए
मोहब्बत के दिन वतन पर जान लुटा गए
पुलवामा के शहीदों को नमन!
ऐसी भारत मां के बेटे मान गंवाना क्या जाने
मेरे देश के लाल हठीले शीश झुकाना क्या जाने
मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ
जल्दी वापस घर आ जाओ
याद बहुत ही आती है
कहाँ गए हो लाल मेरे तुम
माँ आवाज लगती है
उन आँखो की दो बूंद से,
समन्दर भी हारे होगा।
जब मेदिनी वाले हाथों ने
अपना मगंलसूत्र उतारे होगें
खून से खेलेंगे होली,
अगर वतन मुश्किल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना
अब हमारे दिल में है
- बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई
- इक शख़्स सारे शहर को वीरान कर गया
रिव्वायत सी बन गयी हैं
देशभक्ति तो जनाब
बस लोग तारीखों पर फर्ज अदा करते हैं.
हम चैन से सो पाए इसलिए ही वो सो गया,
वो भारतीय फौजी ही था जो आज शहीद हो गया.
एक सैनिक ने क्या खूब कहा है.
किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ,
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।
सीमा नहीं बना करतीं हैं काग़ज़ खींची लकीरों से,
ये घटती-बढ़ती रहती हैं वीरों की शमशीरों से.
सरहद पर एक फौजी अपना वादा निभा रहा हैं,
वो धरती माँ की मोहब्बत का कर्ज चुका रहा हैं.
मरने के बाद भी जिसके नाम मे जान हैं,
ऐसे जाबाज़ सैनिक हमारे भारत की शान है
देश के उन वीर जवानों को सलाम
जो सुरक्षा का एहसास दिलाते हैं,
जो हथेली पर रखकर जान,
हमारी हिफाजत का जिम्मा उठाते हैं.
चीर के बहा दूं लहू दुश्मन के सीने का ,
यही तो मजा है फौजी होकर जीने का.
फौजी भी कमाल के होते हैं,
जेब के छोटे बटुए में परिवार,
और दिल मे सारा हिंदुस्तान रखते हैं,
जिनमे अकेले चलने के हौसले होते हैं ।
एक दिन उन्ही के पीछे काफिले होते हैं ।।
सेना है तो हम हैं
जो पूरी रात जागते हो, यो जरूरी कोणी के वो आशिक हो.
कुछ देश प मिटन आले फौजी भी होया करै.
दूध मांगोगे तो खीर देवांगे,
कश्मीर मांगेंगे तो लाहौर भी खोस लेवांगे.
वो ज़िन्दगी ए के जिसमे देश भक्ति ना हो.
अर वा मौत ए के जो तिरंगे म ना लिपटी हो.
वा छोरी खुशकिस्मत होया करै,
जिसका पति फौजी होया करै.
कभी ठण्ड में ठिठुर कर देख लेना
कभी तपती धुप में जल के देख लेना
कैसे होती है हिफाजत मुल्क की
कभी शरहद पर चलकर देख लेना
मुझे ना तन चाहिए ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिन्दा रहू इस मातृ-भूमि के लिए
और जब मरू तो तिरंगा कफन चाहिए
खून से खेलेंगे होली,
अगर वतन मुश्किल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना
अब हमारे दिल में है
भारत मां के बेटे
मान गंवाना क्या जाने
मेरे देश के लाल हठीले हैं
शीश झुकाना क्या जाने
जो देश के लिए शहीद हुए,
दिया आज़ादी का पैगाम है
अपने खूंन से जिस जमीं को सींचा,
उन भारत माँ के लालों को मेरा सलाम है
पुलवामा शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि
सरहद पर एक फौजी
अपना वादा निभा रहा हैं,
वो धरती माँ की मोहब्बत
का कर्ज चुका रहा हैं।
शेर सा जिगर और गजब
के शौक रखता हूँ,
अपने देश के खातिर
हथेली पर जान रखता हूँ।
चिंगारी आजादी की सुलगी मेरे जश्न में हैं
इन्कलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं
मौत जहाँ जन्नत हो ये बात मेरे वतन में हैं
कुर्बानी का जज्बा जिन्दा मेरे कफन में हैं
खुशनसीब हैं वो जो वतन पे मिट जाते हैं
मर कर भी वो लोग अमर हो जाते हैं
करता हूँ तुम्हे सलाम ऐ वतन पर मिटने वालो
तुम्हारी हर सांस में बसता तिरंगे का नसीब है
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ भुला सकते नहीं
सर कटा सकते है लकिन सर झुका सकते नहीं
लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा
मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि
मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा
सीने पर जो जख्म है
सब फूलों के गुच्छे हैं
हमें पागल ही रहने दो
हम पागल ही अच्छे हैं
लड़े वो वीर जवानों की तरह
ठंडा खून भी फ़ौलाद हुआ
मरते-मरते भी कई मार गिराए
तभी तो देश आजाद हुआ
वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे है
मरेगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे हैं
मैं जला हुआ राख नहीं, अमर दीप हूँ
जो मिट गया वतन पर, मैं वो शहीद हूँ
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशा होगा
मुझे तन चाहिए , ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए
और जब मरू तो तिरंगा कफ़न चाहिये
कुछ पन्ने इतिहास के
मेरे मुल्क के सीने में शमशीर हो गएँ
जो लड़े, जो मरे वो शहीद हो गएँ
जो डरे, जो झुके वो वजीर हो गएँ
ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम
तेरी राहों मैं जां तक लुटा जायेंगे
फूल क्या चीज़ है तेरे कदमों पे हम
भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे