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Accounting Cycle

📘 Accounting Cycle – Notes (Example सहित)

Accounting Cycle वह Step-by-Step प्रक्रिया है जिसके माध्यम से एक व्यवसाय अपने वित्तीय लेनदेन को पहचानता, दर्ज करता और रिपोर्ट करता है।
इससे Financial Statements सही और विश्वसनीय बनती हैं।

🔶 1. Identifying Transactions (लेनदेन की पहचान करना)

  • इस चरण में व्यवसाय से जुड़े सभी Financial Transactions पहचाने जाते हैं।
  • केवल वही लेनदेन रिकॉर्ड किए जाते हैं जिनका मौद्रिक प्रभाव (Monetary Effect) हो।

उदाहरण:
कंपनी ने ₹10,000 का फर्नीचर खरीदा → यह एक transaction है।
परंतु कर्मचारी की सराहना की → यह transaction नहीं है।

🔶 2. Recording in the Journal (Journalizing) — जर्नल में दर्ज करना

  • पहचाने गए हर transaction को Journal में Debit–Credit नियम अनुसार लिखा जाता है।
  • यह accounting का पहला औपचारिक रिकॉर्ड होता है।

Example (Journal Entry):
Furniture A/c Dr. 10,000
  To Cash A/c 10,000

🔶 3. Posting to the Ledger (लेज़र में पोस्ट करना)

  • Journal के सभी transactions संबंधित Ledger Accounts में स्थानांतरित किए जाते हैं।
  • इससे एक ही खाते से जुड़े सभी लेनदेन एक जगह मिलते हैं।

Example:

  • Furniture Account → Debit Side ₹10,000
  • Cash Account → Credit Side ₹10,000

🔶 4. Preparing an Unadjusted Trial Balance (असमायोजित ट्रायल बैलेंस)

  • Ledger balances को योग करके एक तालिका बनाई जाती है जिसमें
    Total Debit = Total Credit होना चाहिए।
  • यह error-checking का पहला चरण है।

🔶 5. Making Adjusting Entries (समायोजन प्रविष्टियाँ करना)

समय अवधि के अंत में कुछ अतिरिक्त प्रविष्टियाँ करनी होती हैं, जैसे—

Example:
Salary Outstanding ₹5,000
→ Salary A/c Dr.
  To Outstanding Salary A/c

🔶 6. Preparing an Adjusted Trial Balance (समायोजित ट्रायल बैलेंस)

  • सभी Adjusting Entries जोड़कर नया Trial Balance बनाया जाता है।
  • यह Financial Statements बनाने के लिए उपयोग होता है।

🔶 7. Preparing Financial Statements (वित्तीय विवरण तैयार करना)

इस चरण में 3 मुख्य statements तैयार की जाती हैं —

  1. Income Statement (Profit & Loss A/c)
  2. Balance Sheet
  3. Cash Flow Statement (यदि आवश्यक)

🔶 8. Closing Entries (समापन प्रविष्टियाँ)

  • Revenue और Expense खातों को Capital / Retained Earnings में बंद किया जाता है।
  • अगली अवधि के लिए उन्हें शून्य (0 balance) बनाया जाता है।

🔶 9. Post-Closing Trial Balance (पोस्ट-क्लोज़िंग ट्रायल बैलेंस)

  • Closing Entries के बाद तैयार किया हुआ Trial Balance।
  • इसमें केवल Real Accounts (Assets, Liabilities, Capital) रहते हैं।
  • Debit = Credit होना ज़रूरी है।

🟦 Importance of the Accounting Cycle (लेखांकन चक्र का महत्व)

✔ व्यवसाय के वित्तीय रिकॉर्ड को व्यवस्थित और सटीक बनाता है।
✔ Errors पहचानने में मदद करता है।
✔ Financial Statements को विश्वसनीय बनाता है।
✔ Stakeholders (Owner, Investor, Bank) को सही रिपोर्ट देता है।
✔ भविष्य की योजना व बजट बनाने में सहायता।
✔ Business की Profitability और Financial Position का वास्तविक चित्र देता है।