काल भैरव जयंती 2025 : 2025 में, 12 नवंबर को काल भैरव जयंती मनाई जाएगी। यह दिन भक्तों के बीच बहुत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान काल भैरव का जन्मोत्सव होता है। यह पर्व न सिर्फ भगवान शिव के उग्र रूप का प्रतीक है, बल्कि भय, आत्मविश्वास और रक्षा का भी प्रतीक है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको शुभ उपाय, पूजा विधि और राहु-केतु दोष से मुक्ति के उपाय बताएंगे।
काल भैरव जयंती 2025: महत्वपूर्ण तिथि और शुभ मुहूर्त
इस वर्ष, काल भैरव जयंती 12 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी। तिथि के अनुसार, कृष्ण अष्टमी का प्रारंभ 11 नवंबर की रात 10:29 बजे से शुरू होकर 13 नवंबर की सुबह 12:44 बजे तक रहेगी। इस विशेष दिन, भगवान भैरव की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह और रात दोनों में अलग-अलग समय में रह सकता है।

शुभ मुहूर्त्स:
- ब्रह्म मुहूर्त: 4:56 से 5:49 बजे (सभी शुभ कार्य के लिए उत्तम समय)
- सुबह 5:22 से 6:41: शुभ संध्या पूजा।
- विजय मुहूर्त: 1:53 से 2:36 बजे (नई शुरुआत और महत्वपूर्ण कार्य के लिए)।
- रात्रि निशीथ (अधिक शुभ): 11:39 pm से 12:32 am।
इन मुहूर्तों में पूजा, व्रत, जप और उपवास करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
पूजा विधि और मंत्र
काल भैरव जयंती की पूजा विधि विशेष है। आसान चरणों में पूजा करें:
- स्वच्छता और स्नान: दिन की शुरुआत ताजगी से करें।
- वस्त्र एवं स्थान: काले रंग के वस्त्र धारण करें और शिव पूजा स्थल पर बैठें।
- अवधि: प्रातः और संध्या दोनों में पूजा अवश्य करें।
- अर्चना सामग्री: काले तिल, उड़द की दाल, सरसों का तेल, नींबू, काले फूल, काली मिर्च, व्रत कथा।
- मंत्र जप:
- “ॐ कालभैरवाय नमः”
- “ॐ हं हं कालभैरवाय नमः”
- पाठ: भैरव चालीसा और कालभैरव अष्टक का पाठ करें।
- दीप प्रज्वलित: काले तील से दीप जलाकर ही पूजा सम्पन्न करें।
- प्रसाद: पैसों की कामना हो तो लालड़ा या काली मिर्च का प्रसाद चढ़ाएं।
- अड़चनें दूर करने का उपाय: काले कुत्ते को तुलसी और हरे बेर का भोग लगाएं।
राहु-केतु दोष से मुक्ति के उपाय
- राहु-केतु दोष दूर करने के लिए:
- हर शनिवार और मंगलवार को काले चने, काली उड़द और काले तिल का दान करें।
- देवी-देवताओं के कड़वे नाम जपें।
- काले कुत्ते को भोजन कराएं और उनके सामने सरसों का तेल का दीपक जलाएं।
- काल भैरव की पूजा में काले फूल, तेल, और खड़ा नारियल जरूर रखें।
- राहु-केतु के संकट से राहत के लिए कुंभ और मीन राशि में गुरु और शनि का मंत्र जप करें।
इन उपायों का पालन कर आप अपने भय, संकट और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति पा सकते हैं। 2025 में, खासकर इस शुभ पर्व पर, भगवान काल भैरव की पूजा से जीवन में सुख, सुरक्षा और समृद्धि आएगी। अपने घर में काल भैरव की प्रतिमा या तस्वीर लगाएं और नियमित पूजा-अर्चना करें।












